| शब्द का अर्थ | 
					
				| दामांचल					 : | पुं० [सं० दामन-अंचल, ष० त०.] वह रस्सी जिसे घोड़े के पिछले पैरों में फँसाकर खूँटे में बाँधते हैं। | 
			
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				| दामांजल					 : | पुं०=दामांचल। | 
			
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				| दामा					 : | पुं० [?] एक प्रकार का पक्षी जो प्रायः अपनी दुम नीचे ऊपर उठाता-गिराता रहता है। नर मादा का रंग काला और मादा का बादामी होता है। इसे कलचिरी भी कहते हैं। स्त्री०=दावा (दावानल)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| दामाद					 : | पुं० [सं० जामातृ से फा०] संबंध के विचार से वह व्यक्ति जिसे कन्या ब्याही गई हो। जँवाई। जामाता। दमाद। | 
			
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				| दामादी					 : | वि० [हिं० दामाद] १. दामाद संबंधी। जैसे—दामादी धन। २. दामादों की चाल-ढाल जैसा। दामादों की तरह का। जैसे—दामादी ऐंठ। स्त्री० दामाद या जामाता होने की अवस्था, पद या भाव। मुहावरा— (किसी को) दामादी में लेना=किसी के साथ अपनी कन्या का विवाह करके उसे अपना जँवाई या दामाद बनाना। (मुसल०) | 
			
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				| दामासाह					 : | पुं० [हिं० दाम+साहु=बनिया] वह दिवालिया महाजन जिसकी संपत्ति लहनदारों में उनके लहने के अनुपात में बराबर बट गयी हो; अर्थात् जिससे लोगों को बहुत-कुछ पावना मिल गयी हो। | 
			
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				| दामासाही					 : | स्त्री० [हिं० दामासाह] १. किसी दिवालिये महाजन की संपत्ति का लहनदारों के बीच में होनेवाला बँटवारा। २. पावने का वह अंश जो उक्त बँटवारे के अनुसार लहनदारों को मिले या मिलने को हो। | 
			
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