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			| शब्द का अर्थ |  
				| चौपड़					 : | स्त्री० [सं० चतुष्पट, प्रा० चउप्पट] १. चौसर (खेल और बिसात)। मुहा०–चौपड़-मँड़ना, मढ़ना या माँड़ना=चौपड़ खेलने के लिए बिसात बिछाना। २. खाट, पलंग आदि की बुनावट का वह प्रकार जिसमें चौसर की आकृति बनी होती है। ३. मन्दिर, महल आदि के आँगन की उक्त प्रकार की बनावट। जैसे–मन्दिर के चौपड़ में....भाले गड़वाये।–वृन्दावनलाल वर्मा। |  
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				| चौपड़					 : | पुं०=चौपाल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |  
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