| शब्द का अर्थ | 
					
				| चोटा					 : | पुं० [हिं० चोआ] गुड़ से चीनी बनाते समय उसे छानने पर निकला हुआ गुड़ का पसेव। चोआ। माठ। | 
			
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				| चोटाना					 : | अ० [हिं० चोट] चोट से युक्त होना। चोट खाना। स० चोट या प्रहार करना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| चोटा-पोटा					 : | वि० [?] [स्त्री० चोटी-पोटी] खुशामद से भरा हुआ (कथन)। चिकनी-चुपड़ी। (बात-चीत)। उदाहरण–हमसों सदा दुरावति सो यह बात कहत मुख चोटी-पोटी।–सूर। | 
			
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				| चोटार					 : | वि० [हिं० चोट+आर (प्रत्यय)] १. (जीव) जो चोट करता या कर सकता हो। २. चोट खाया हुआ। चुटैल। | 
			
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				| चोटारना					 : | अ० [हिं० चोट] चोट पहुँचाना। चुटैल करना। | 
			
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