| शब्द का अर्थ | 
					
				| चूत					 : | पुं० [सं√चूष् (चूसना)+क, पृषो० षलोप] आम का पेड़। स्त्री० [सं० च्युति=भग] स्त्रियों की भग। योनि। | 
			
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				| चूतक					 : | पुं० [सं० चूत+कन्] आम का पेड़। | 
			
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				| चूतड़					 : | पुं० [हिं० चूत+तल] मनुष्य के शरीर का वह मांसल भाग जो अर्द्ध गोलाकार रूप में जाँघ कमर के नीचे पीछे की ओर होता है। मुहावरा–चूतड़ दिखाना=कठिन समय पर भाग खड़े होना। पीठ दिखाना। (अपना) चूतड़ पीटना या बजाना ओछेपन से बहुत प्रसन्नता प्रदर्शित करना। | 
			
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				| चूतर					 : | पुं०=चूतड़।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| चूतिया					 : | वि० [हिं० चूत+इया (प्रत्यय)] १. बिलकुल नासमझ या मूर्ख। २. चूत-संबंधी। जैसे–चूतिया चक्कर। क्रि० प्र०–फँसाना।–बनाना। | 
			
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				| चूतिया-चक्कर					 : | वि० चूतिया। पुं० बिलकुल व्यर्थ की झंझट, झगड़ा या प्रपंच। | 
			
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				| चूतिया पंथी					 : | स्त्री० [हिं० चूतिया+पंथी] मूर्खता। बेवकूफी। | 
			
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				| चूतिया शहीद					 : | पुं० [हिं०+फा] बहुत बड़ा मूर्ख। | 
			
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