| शब्द का अर्थ | 
					
				| चुस्त					 : | वि० [फा०] १. (पहनावा) जो खूब कसा हुआ हो। जो कहीं से कुछ भी ढीला न हो। यथा-स्थान ठीक और पूरा बैठनेवाला जैसे–चुस्त अंगा या पाजामा। २. (व्यक्ति) जिसमें किसी प्रकार का आलस्य या शिथिलता न हो। फुर्तीला। पद-चुस्त चालाकहर काम या बात में ठीक या पूरा और होशियार। ३. जिसमें किसी प्रकार का अभाव या त्रुटि न हो। जो उपयोगिता, औचित्य आदि के विचार से अच्छे और उँचे स्तर पर हो। जैसे–चुस्त बन्दिश या लिखावट। ४. दृढ़। पक्का। मजबूत। पुं० [?] जहाज का वह भाग जो अन्दर की ओर झुका या दबा हो। मूढ़। (लश०) | 
			
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				| चुस्ता					 : | पुं० [सं० चुस्त=मांसपिंड विशेष] बकरी के बच्चे का आमाशय जिसमें पीया हुआ दूध भरा रहता है। | 
			
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				| चुस्ती					 : | स्त्री० [फा०] १. चुस्त होने की अवस्था या भाव। २. काम करने में दिखाई देने वाली चुस्ती या फुरती। ३. कसे हुए या तंग होने की अवस्था या भाव। कसावट। ४. पक्कापन। प्रौढ़ता। ५. दृढ़ता। मजबूती। | 
			
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