| शब्द का अर्थ | 
					
				| चातक					 : | पुं० [सं०√चत् (माँगना)+ण्वुल्-अक] [स्त्री० चातकी] १. पपीहा पक्षी जो वर्षाकाल में बहुत बोलता है। विशेष दे० पपीहा। २. रहस्य संप्रदाय में, मन। वि० याचक।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| चातकनी					 : | स्त्री०=चातकी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| चातकानन्दन					 : | पुं० [सं० चातक-आ√नन्द (हर्षित करना)+ल्यु-अन] १. वर्षा काल। २. बादल। मेघ। | 
			
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