| शब्द का अर्थ | 
					
				| चाँट					 : | पुं०[हिं० छींटा] १. हवा में उड़ते हुए जल-कणों का प्रवाह जो तूफान आने पर समुद्र में उठता है। (लश०)। मुहावरा–चाँट मारनाजहाज के बाहरी किनारे के तख्तों पर या पाल पर पानी छिड़कना। (यह पानी इसलिए छिड़का जाता है जिससे तख्ते धूप के प्रभाव से चटक न जाएँ और पाल कुठ भारी हो जाय)। | 
			
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				| चाँटा					 : | पुं० [हिं० चिमटना] [स्त्री० चाँटी] च्यूँटा। चींटा। पुं० [अनु०] हथेली तथा हाथ की उँगलियों से किसी के गाल पर किया जानेवाला प्रहार। तमाचा। थप्पड़। क्रि० प्र०–जड़ना।–मारना।–लगाना। | 
			
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				| चाँटी					 : | स्त्री० [हिं० चाँटा०] १. च्यूँटी। चींटी। २. मध्य युग में कारीगरों पर लगनेवाला एक प्रकार का कर। ३. तबले की संजाफदार मगजी जिस पर तबला बजाते समय तर्जनी उंगली से आघात किया जाता है। ४. तबले के उक्त अंश पर तर्जनी उँगली से किया जानेवाला आघात। ५. उक्त आघात के कारण होनेवाली मधुर ध्वनि या शब्द। | 
			
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