| शब्द का अर्थ | 
					
				| चष					 : | पुं० [सं० चक्षुस्] नेत्र। आँख। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| चषक					 : | पुं० [सं०√चप् (पीना)+क्वुन्-अक] १. वह पात्र जिसमें ढालकर शराब पी जाती है। शराब पीने का प्याला। २. मधु। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| चषचोल					 : | पुं० [हिं० चष+चोल=वस्त्र] आँख पर की पलक। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| चषण					 : | पुं०[सं०√चष् (खाना)+ल्युट-अन] १. भोजन करना। खाना। २. वध करना। मार डालना। ३. क्षय या नाश करना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| चषाल					 : | पुं० [सं० चष्(बाँधना)आलच्] लकड़ी की वह गराड़ी जो यज्ञ के खंभे में लगी रहती थी और जिसमें बलि-पशु की रस्सी बाँधी जाती थी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |