| शब्द का अर्थ | 
					
				| चतुष्कर					 : | पुं० [सं० चतुर-कर, ब० स०] वह जंतु जिसके चारों पैरों के आगे के भाग हाथ के समान हों। पंजेवाले जानवर। जैसे–बंदर। वि० जिसके चार हाथ हों। | 
			
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				| चतुष्करी(रिन्)					 : | वि० [सं० चतुर-कर, द्विगुस+इनि] चतुष्कर। | 
			
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				| चतुष्कर्ण					 : | वि० [सं० चतुर-कर्ण, ब० स०] (बात) जिसे चार कान अर्थात् दो ही आदमी जानते हों। | 
			
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				| चतुष्कर्णी					 : | स्त्री० [सं० चतुष्कर्ण+ङीष्] कार्तिकेय की अनुचरी एक मातृका। | 
			
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