| शब्द का अर्थ | 
					
				| चड़					 : | पुं० [अनु०] १. लकड़ी आदि के टूटने या फटने से होनेवाला शब्द। २. सूखी लकड़ी के जलने, टूटने आदि से होनेवाला शब्द। | 
			
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				| चड़ना					 : | अ०=चढ़ना। (पंजाब और राजस्थान)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| चड़-बड़					 : | स्त्री० [अनु०] निरर्थक प्रलाप। टें-टें। बक-बक। | 
			
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				| चड़ाक					 : | पुं० [अनु०] किसी वस्तु के टूटने, फूटने, नीचे जाने पर होनेवाला चड़ शब्द। | 
			
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				| चड़ी					 : | स्त्री० [सं० चरण या हिं० चढ़ना] उछलकर मारी जानेवाली लात। | 
			
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