| शब्द का अर्थ | 
					
				| चंडी					 : | स्त्री० [सं० चंड+ङीष्] १. दुर्गा का वह रूप जो उन्होंने महिषासुर के वध के लिए धारण किया था। २. बहुत ही उग्र स्वभाववाली, कर्कशा और दुष्टा स्त्री। ३. एक प्रकार का वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः दो नगण, दो सगण और एक गुरु होता है। | 
			
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				| चंडी-कुसुम					 : | पुं० [ब० स०] १. कनेर का वह पौधा जिसमें लाल रंग के फूल लगते हों। २. [मध्य० स०] उक्त प्रकार का फूल। | 
			
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				| चंडी-पति					 : | पुं० [ष० त०] शिव। | 
			
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				| चंडीश					 : | पुं० [चंडी-ईश, ष० त०] शिव। | 
			
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				| चंडीसुर					 : | पुं० [सं० चंडीश्वर] एक प्राचीन तीर्थ स्थल। | 
			
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