शब्द का अर्थ
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					घींच					 :
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					स्त्री० [हिं० घीचना वा सं० ग्रीव] (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) गरदन। ग्रीवा। स्त्री०=खींच।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					घींचना					 :
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					स०=खींचना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					घी					 :
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					पुं० [सं० घृत, पा० घत, प्रा० उ० घिअ, मरा० गु० बं० घी,पं० ध्यो,ने.घिउ] मक्खन को तपाकर बनाया हुआ प्रसिद्ध चिकना पदार्थ जो रोटी आदि पर लगाया और तरकारियों आदि में डाला जाता है। मुहावरा–घी का कुप्पा लुढ़कना= (क) किसी धनी का गुजर या मर जाना। (ख) बहुत बडी़ क्षति या हानि होना। घी का डोरा देना= परोसी हुई दाल,सब्जी आदि में ऊपर से धार बाँधकर घा डालना। घी के कुप्पे से जा लगना=किसी ऐसे व्यक्ति के पास अथवा किसी ऐसे स्थान पर पहुँचना कि खूब लाभ हो। घी के चिराग या दीये जलाना=मनोरथ पूर्ण होने पर खुशी मनाना। घी खिचड़ी होना=परस्पर अत्यधिक घनिष्ठता या मेल-जोल होना। पाँचों उँगलियों घी में होना= ऐसी सुखद स्थिति में होना कि किसी बात की कमी न रह जाय।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					घीउ					 :
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					पुं०=घी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					घीकुआर					 :
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					पुं० [सं० घृतकुमारी] ग्वारपाठा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					घीकुवाँर					 :
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					पुं० [सं० घृतकुमारी] ग्वारपाठा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					घीया					 :
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					स्त्री० [हिं० घी ?] १. एक प्रसिद्ध लता जिसमें लंबोत्तरे फल लगते हैं और जिनकी सब्जी बनाई जाती है। लौकी। २. उक्त लता का फल।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					घीया-कश					 :
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					पुं० [हिं० घीया+कश] पीतल, लोहे आदि का एक प्रसिद्ध दाँतेदार चौकोर उपकरण जिस पर घीया, पेठा आदि रगड़ने से उसके छोटे-छोटे टुकड़े हो जाते हैं।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					घीया-तोरी					 :
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					स्त्री० [हिं० घीया+तोरी] १. एक प्रसिद्ध लता जिसके छोटे लंबोत्तरे फलों की तरकारी बनाई जाती है। २. उक्त लता का फल।				 | 
			
			
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					घीस					 :
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					स्त्री०=घूस। (जंतु)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					घीसना					 :
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					स०=घसीटना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					घीसा					 :
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					पुं०=घिस्सा। (रगड़ा)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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