| शब्द का अर्थ | 
					
				| गाध					 : | पुं० [सं०√गाध् (प्रतिष्ठा)+घञ्] १. स्थान। जगह। २. जल के नीचे का स्थल। तल। ३. नदी का प्रवाह। बहाव। ४. लालच। लोभ। वि० १. (जलाशय) जो इतना छिछला या कम गहरा हो कि चल या हलकर पार किया जा सके। २. अल्प। थोड़ा। | 
			
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				| गाधा					 : | स्त्री० [सं० गाध+टाप्] १. गायत्री स्वरूपा महादेवी। २. बहुत अधिक कष्ट या दुख। उदाहरण–भव-बाधा गाधा हरन राधा राधा जीय।–सत्यनारायण। पुं०-गधा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| गाधि					 : | पुं० [सं०√गाध्+इन्] कुशिक राजा के पुत्र जो विश्वामित्र के पिता थे। | 
			
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				| गाधि-पुर					 : | पुं० [ष० त० ] कान्यकुब्ज। कन्नौज। | 
			
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				| गाधेय					 : | पुं० [सं० गाधि+ठक्-एय] गाधि ऋषि के पुत्र, विश्वामित्र। | 
			
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				| गाधेया					 : | स्त्री० [सं० गाधेय+टाप्] गाधि ऋषि की कन्या सरस्वती जिसका विवाह ऋचीक से हुआ था। | 
			
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