शब्द का अर्थ
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खोद :
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पुं० [हिं० खोदना] १. खोदने की क्रिया या भाव। २. खोद-खोदकर बाते पूछने की क्रिया या भाव। ३. जाँच पड़ताल। पद-खोद-विनोद। पुं० [फा० खोद] लड़ाई के समय सिर पर पहने जानेवाला लोहे का टोप। शिरस्त्राण। |
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समानार्थी शब्द-
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खोदाई :
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स्त्री० [देश०] एक प्रकार का छोटा पेड़। |
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समानार्थी शब्द-
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खोदना :
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स० [स० क्षुद्र; प्रा० खुद. मरा० खोदणें; गुज० खोदवूँ, उ० खोदिवा; बँ० खोदा] १. कुदाल आदि से जमीन पर आघात गड्ढा बनाना। जैसे–कब्र, कूआँ या नहर खोदना। २. उक्त प्रकार के आघात से कोई चीज तोड़ना। जैसे–दीवार या मकान खोदना। ३. उक्त प्रकार की क्रिया करके कोई चीज पर जमी, लगी अथवा अंदर पड़ी हुई वस्तु बाहर निकालना। जैसे–खेत में के पौधे अथवा खान में के खनिज पदार्थ खोदना। ४. किसी वस्तु पर जमी अथवा लगी हुई मैल निकालना। जैसे–कान या दाँत खोदना ५ धातु, पत्थर लकड़ी आदि पर किसी औजार या उपकरण से कुछ लिखना या बेल-बूटे बनाना। जैसे– बरतनों पर नाम खोदना। ६. किसी के अंग में उँगली, छड़ी आदि गड़ाना या उससे दबाना। ७. कोई बात जानने के लिए किसी से तरह तरह के प्रश्न करना। मुहावरा– खोद-खोदकर पूछना=हर बात पर संका करके बार-बार कुछ और पूछना। ८. उत्तेचित करने या उसकाने का प्रयत्न करना। |
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खोदनी :
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स्त्री० [हिं० खोदना] खोदने का छोटा औजार। जैसे–कन-खोदनी, दँत-खोदनी। |
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खोद-बिनोद :
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पुं० [हिं० खोद+बिनोद] १. बहुत छोटी-छोटी बातें तक पूछने का काम। २. छोड़-छाड़। |
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खोदबाना :
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स० [खोदना का प्रे० रूप] किसी को खोदने में प्रवृत्त करना। खोदने का काम दूसरे से कराना। |
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खोदाई :
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स्त्री० [हिं० खोदना] १. खोदने की क्रिया भाव या मजदूरी। २. भूगर्भ-स्थित वस्तुओं को बाहर निकालने के लिए जमीन खोदने की क्रिया या भाव। (एक्स्केवेशन) ३. पत्थर लकड़ी लोहे आदि पर किसी नुकीली चीज से बेल-बूटे बनाने का काम। |
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