शब्द का अर्थ
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क्षपांत :
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पुं० [सं० क्षपा-अन्त, ष० त०] प्रभात। भोर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्षपांध्य :
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पुं० [सं० क्षपा-अन्त, ष० त०] रतौंधी। |
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क्षपा :
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स्त्री० [सं०√क्षप्+अच्—टाप्] १. रात। २. २४ घंटों का एक मान। ३. हल्दी। |
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क्षपाकर :
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वि० [सं० क्षपा√कृ (करना)+ट] रात करनेवाला। पुं० १. चन्द्रमा। २. कपूर। |
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क्षपा-घन :
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पुं० [ष० त०] काला बादल। |
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क्षपाचर :
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पुं० [सं० क्षपा√चर् (गति)+ट] वह जो रात्रि में विचरण करता हो। जैसे—उल्लू, राक्षस आदि। |
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क्षपाट :
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पुं० [सं० क्षपा√अट् (गति)+अच्] राक्षस। |
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क्षपा-नाथ :
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पुं० [ष० त०] १. रात्रि के स्वामी अर्थात् चन्द्रमा। २. कपूर। |
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क्षपा-पति :
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पुं० [ष० त०]=क्षपानाथ। |
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