| शब्द का अर्थ | 
					
				| कान्ह					 : | पुं० [सं० कृष्ण, प्रा० कण्ड] श्री कृष्ण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कान्हड़ा					 : | पुं० [सं० कणटि] संपूर्ण जाति का एक राग जो मेघ राग का पुत्र माना गया है।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कान्हड़ी					 : | स्त्री० [सं० कर्णाटी] एक रागिनी जो दीपक राग की पत्नी कही गई है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| कान्हम					 : | पुं० [सं० कृष्ण, प्रा० कण्ह=काला] भड़ौंच प्रदेश की काली मटियार जमीन जो कपास की खेती के लिए बहुत उपयुक्त है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| कान्हमी					 : | स्त्री० [हि० कान्हम] भड़ौच प्रदेश की कान्हम भूमि में उपजनेवाली कपास। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| कान्हर					 : | पुं० [सं० कर्ण] कोल्हू के कातर पर लगी हुई वह बेड़ी लकड़ी जो कोल्हू की कमर से लगकर चारों ओर घूमती है। पुं० [सं० कृष्ण] श्रीकृष्ण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| कान्हरा					 : | पुं० =कान्हड़ा। | 
			
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