शब्द का अर्थ
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कलींदा :
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पुं० [सं० कलिंग] तरबूज। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कली :
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स्त्री० [सं० कलि+ङीष्] १. फूल का वह आरंभिक तथा अविकसित रूप जिसमें पंखड़ियाँ अभी खिली या खुली न हों। मुहा०—दिल की कली खिलना=अभिलाषा या लालसा पूरी होने पर बहुत अधिक प्रसन्न होना। २. वैष्णवों का एक प्रकार का तिलक जो देखने में फूल की कली की तरह का होता है। ३. लाक्षणिक अर्थ में ऐसी किशोरी जिसका यौवन अभी पूर्ण रूप से विकसित न हुआ हो। पद—कच्ची कली। ४. चिड़ियों के नये निकले हुए छोटे पर। ५. कपड़े का कटा हुआ वह लंबोतरा तिकोना टुकड़ा, जो सीये जानेवाले कपड़ों को अधिक खुला तथा विस्तृत बनाने के लिए उसके जोड़ों के साथ टाँका जाता है। जैसे—अँगिया या कुरते की कली। ६. हुक्के का वह नीचेवाला भाग जिसमें पानी रहता है और जिसके ऊपर गड़गड़ा लगा रहता है। स्त्री० [अ० कलई] १. कुछ विशिष्ट प्रकार के पत्थरों के टुकड़ों के फूँके जाने पर बननेवाले चूने के ढोंके। २. दे० ‘कलई’। |
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कलीट :
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वि० [हिं० काला] काला-कलूटा (व्यक्ति)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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कलीत :
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वि०=कलित।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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कलीरा :
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पुं० [सं० कली+हिं० रा (प्रत्य०)] कौड़ियों, गरी के गोलों, छुहारों आदि को पिरोकर बनाई हुई माला जो त्योहार, विवाह आदि के समय भेंट दी जाती है।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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कलील :
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वि० [अ० क़लील] [भाव० किल्लत] मान या मात्रा में बहुत कम। अल्प। थोड़ा। |
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कलीसा :
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पुं० [यू० इकलीसिया] मसीही लोगों का उपासना-गृह। गिरिजा। |
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कलीसाई :
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वि० [हिं० कलीसा] मसीही-संबंधी। मसीही। पुं० ईसा मसीह के मत के अनुयायी। ईसाई। मसीही। |
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कलीसिया :
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पुं० [यू० इकलीसिया] मसीही लोगों की धर्ममंडली या धार्मिक समुदाय। |
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