शब्द का अर्थ
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आश्चर्य :
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पुं० [सं० आ√चर् (गति)+यत्, सुट्] [वि० आश्चर्यित] मन का वह कुतूहलपूर्ण भाव या स्थिति जो कोई अद्भुत, अप्रत्याशित, असाधारण या विलक्षण बात या वस्तु सहसा देखने अथवा ऐसी घटना घटित होने पर इसलिए होती है कि उसका कारण, रहस्य या स्वरूप समझ में नही आता। अचरज। अचंभा। ताज्जुब। विस्मय। (सर्प्राइज) विशेष—हमारे यहाँ साहित्य में यह नौ स्थायी भावों में से एक माना गया है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
आश्चर्यित :
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वि० [सं० आश्चर्य+णिच्+क्त] जिसे आश्चर्य हुआ हो। चकित। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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