| शब्द का अर्थ | 
					
				| अगा					 : | पुं०=आगा (अगला भाग) क्रि० वि०=आगे।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| अगाउनी					 : | क्रि० वि० दे० ‘अगौनी'।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| अगाऊँ					 : | वि० , क्रि० वि० =अगाऊ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| अगाऊ					 : | वि० [सं० अग्र, प्रा० अग्ग+हि० आऊ] आगे का। अगला। क्रि० वि० आगे या पहले से। पुं० अग्रिम। पेशगी। | 
			
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				| अगाड़					 : | पुं० [हिं० आगा] १. आगे का भाग। आगा। २. ढ़ेकली के सिर पर छोटी पतली लकड़ी। ३. हुल्ले की नली। क्रि० वि० १. आगे। सामने। २. पहले। पूर्व।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| अगाड़ा					 : | पुं० [हिं० आगा] १. वह सामान जो चलने से पहले वहाँ भेज दिया जाता है, जहाँ टिकना या पड़ाव करना होता है। २. कछार। तरी। ३. दे० आगा। (अगला भाग)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| अगाड़ी					 : | स्त्री० [हिं० आगा+आड़ी (प्रत्यय०)] १. आगे या सामने का भाग। ‘पिछाड़ी का विपर्याय’। २. घोड़े की गर्दन में बाँधी जाने वाली दो रस्सियाँ जो दोनों ओर खूटों में बँधी रहती है। क्रि० वि० १. आगे। सामने। २. आगे चलकर। भविष्य में। | 
			
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				| अगाड़ी-पिछाड़ी					 : | स्त्री० (हिं० आगा+पीछा) १. किसी चीज के आगे और पीछे के भाग। २. वे रस्सियाँ जिनमें एक ओर घोड़े की गरदन और दूसरी ओर उसके दोनों पैर बाँधे जाते है। | 
			
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				| अगात्मजा					 : | स्त्री० [सं० अग-आत्मजा, ष० त०) पार्वती। | 
			
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				| अगाद					 : | वि० =अगाध। | 
			
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				| अगाध					 : | वि० [सं० गाध् (थाह लेना) +घञ्, न० ब०] १. जिसकी गहराई की थाह या पता न लग सके। अथाह। जैसे—अगाध, समुद्र। २. जिसकी गंभीरता, गहनता, सीमा आदि का पता न चल सके। बहुत अधिक। जैसे—अगाध, पांडित्य। ३. जिसे जानना या समझना बहुत ही कठिन या प्रायः असंभव हो। पुं० बहुत बड़ा गड्डा। | 
			
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				| अगान					 : | वि० =अज्ञान।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| अगामै					 : | क्रि० वि० [सं० अग्रिम) आगे। | 
			
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				| अगार					 : | क्रि० वि० (हिं० आगे) १. आगे। सामने। २. पहले। पुं०=आगार।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| अगारी					 : | क्रि० वि० =अगाड़ी। वि० [सं० ) मकान का मालिक। | 
			
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				| अगावा					 : | पुं०=अगौरा। | 
			
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				| अगास					 : | पुं० [सं० अग्र०प्रा०अग्ग+आस (प्रत्यय)] घर के आगे का चबूतरा। पुं०=आकाश।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| अगासी					 : | स्त्री०=अकासी। | 
			
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				| अगाह					 : | वि० [फा० आगाह] जाना हुआ। ज्ञात। विदित। उदाहरण—तबहि कमल मन भएहु अगाहू।—जायसी। क्रि० वि० (हि० आगे) आगे या पहले से। वि०=अगाध। | 
			
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				| अगाहु					 : | वि० १. =अगाह। २. =अगाध। | 
			
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