राजकमल प्रकाशन की पुस्तकें :
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दूसरी परम्परा की खोजनामवर सिंह
मूल्य: Rs. 160
यह सहज रचना एक सुपरिचित आलोचक के कृति-व्यक्तित्व का अभिनव परिचयपत्र है। आगे... |
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दृश्य और ध्वनियाँ खण्ड-2सितांशु यशचन्द्र
मूल्य: Rs. 350 |
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देखणीभालचन्द्र नेमाड़े
मूल्य: Rs. 250
इस संग्रह में एक वरदान माँगा गया है : कि जि़न्दगी का रमणीय सतरंगी बुलबुला व्यर्थ न हो, कि दरख्तों से झाँकता रोशन सूर्य अस्त न हो, विनाश तत्त्व के झपट्टे में भी भूमिकी उग्रगन्धी धूल गमकती रहे और जीने का समृद्ध कबाड़ पूरे घर भर में जमा होता रहे। इन सभी सचेतन बिम्बों में जिजीविषा का स्रोत उफन-उफनकर बहता है। आगे... |
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देखनाअखिलेश भोपाल
मूल्य: Rs. 795 |
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देवतुल्य नास्तिकअरुण भोले
मूल्य: Rs. 350 विश्व संस्कृति की अन्तर्धाराओं का प्रवाहपूर्ण, प्रामाणिक और सतर्क विश्लेषण। आगे... |
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देवनागरी जगत की दृश्य संस्कृतिसदन झा
मूल्य: Rs. 595 |
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देवी के डीपीटी बनने की कहानीपुष्पेश पंत
मूल्य: Rs. 395
देवी के डीपीटी बनने की कहानी आगे... |
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देश के इस दौर मेंविश्वनाथ त्रिपाठी
मूल्य: Rs. 125
प्रस्तुत है परसाई के व्यंग्य-निबंधों की विवेचना..... आगे... |
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देश विभाजन की कहानियांसलाम आजाद
मूल्य: Rs. 125 ‘देश विभाजन की कहानियाँ’ ये कहानियाँ भी हैं, और दस्तावेज भी। आगे... |
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देश सेवा का धंधाविष्णु नागर
मूल्य: Rs. 75 अपने समय की तीखी राजनीतिक-सामाजिक विडम्बनाओं को उन्होंने इस पुस्तक में शामिल सभी व्यंग्यों के माध्यम से पकड़ा है। आगे... |