कहानी संग्रह
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सानशोदायुउनीता सच्चिदानंद
मूल्य: $ 3.95 ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में रची गई ये कहानियाँ 'सूर्योदय के देश' के सामंती युग के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराती हैं। आगे... |
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प्रतिनिधि कहानियाँ: यशपालयशपाल
मूल्य: $ 3.95 प्रेमचंद की कथा-परंपरा को विकसित करनेवाले सुविख्यात कथाकार यशपाल के लिए साहित्य एक ऐसा शास्त्र था, जिससे उन्हें संस्कृति का पूरा युद्ध जितना था, और उन्होंने जीता। आगे... |
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प्रतिनिधि कहानियाँ: उषा प्रियंवदाउषा प्रियंवदा
मूल्य: $ 8.95 1952 से 1989 तक के कालखंड में फैली उषा प्रियम्वदा की कहानियों का अधिकांश साठ के दशक में उनके विदेश प्रवास के बाद आया है। आगे... |
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प्रतिनिधि कहानियाँ: रांगेय राघवरांगेय राघव
मूल्य: $ 3.95 रांगेय राघव की कहानियों की विशेषता यह है कि उस पूरे समय की शायद ही कोई घटना हो जिसकी गूँजे-अनुगूंजें उनमें न सुनी जा सकें। आगे... |
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प्रतिनिधि कहानियाँ : राजकमल चौधरीराजकमल चौधरी
मूल्य: $ 10.95
प्रस्तुत संकलन की कहानियाँ रोटी, सेक्स एवं सुरक्षा के जटिल व्याकरण से जूझते आम जनजीवन की त्रासदी की कथा कहती हैं। आगे... |
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प्रतिनिधि कहानियाँ : राजेंद्र यादवराजेन्द्र यादव
मूल्य: $ 3.95
राजेंद्र यादव की कहानियां स्वाधीनता-बाद के विघटित हो रहे मानव-मूल्यों, स्त्री-पुरुष संबंधों, बदलती हुई सामाजिक और नैतिक परिस्थितियों तथा पैदा हो रही एक नयी विचार दृष्टि को रेखांकित करती हैं। आगे... |
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प्रतिनिधि कहानियाँ: राजेंद्र सिंह बेदीराजेंद्र सिंह बेदी
मूल्य: $ 3.95 इस संग्रह में उनकी प्रायः सभी महत्त्वपूर्ण कहानियां शामिल हैं। इनसे जो सच्चाइयाँ उजागर हुई हैं, वे जिंदगी को मात्र जी लेने से नहीं, उसमें कुछ तलाशने से ही संभव हैं। आगे... |
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प्रतिनिधि कहानियाँ : कुर्रतुल ऐन हैदरकुर्रतुल ऐन हैदर
मूल्य: $ 12.95
क़ुर्रतुल ऐन हैदर की कहानियाँ प्रचलित प्रगतिशील कहानियों के मुक़ाबले नई शैली, नये माहौल और नई दुनिया को सामने लाती हैं। आगे... |
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प्रतिनिधि कहानियाँ: प्रेमचंदप्रेमचंद
मूल्य: $ 8.95 सुप्रसिद्ध प्रगतिशील कथाकार भीष्म साहनी द्वारा चयनित ये कहानियां भारतीय समाज और उसके स्वाभाव के जिन विभिन्न मसलो को उठाती हैं, ‘आजादी’ के बावजूद वे आज और भी विकराल हो उठे हैं आगे... |
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प्रतिनिधि कहानियाँ : फणीश्वरनाथ रेणुफणीश्वरनाथ रेणु
मूल्य: $ 9.95
प्रेमचंद के बाद हिंदी कथा-साहित्य में रेणु उन थोड़े-से कथाकारों में अग्रगण्य हैं जिन्होंने भारतीय ग्रामीण जीवन का उसके सम्पूर्ण आंतरिक यथार्थ के साथ चित्रण किया है। आगे... |