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कविता संग्रह

पुनर्वसु

अशोक वाजपेयी

मूल्य: Rs. 500

कहना न होगा कि पाठक को उसकी इस गम्भीर और सृजनात्मक स्थिति का बोध कराने वाली यह एक अद्वितीय पुस्तक है।   आगे...

प्रतिनिधि कविताएं: विश्वनाथ प्रसाद तिवारी

विश्वनाथ प्रसाद तिवारी

मूल्य: Rs. 60

विश्वनाथ प्रसाद तिवारी अपनी पीढ़ी के जिन्हें उन कवियों में शुमार हैं जिनके मितकथन और मितभाषा के प्रयोग सघन और ताकतवर हैं, जो आज उनकी काव्योपलब्धि के रूप में रेखांकित किए जा सकते हैं।   आगे...

प्रतिनिधि कविताएं: विष्णु खरे

विष्णु खरे

मूल्य: Rs. 75

विष्णु खरे एक विलक्षण कवि हैं—लगभग लासानी। एक ऐसा कवि जो गद्य को कविता की ऊँचाई तक ले जाता है और हम पाते हैं कि अरे, यह तो कविता है!   आगे...

प्रतिनिधि कविताएं: विनोद कुमार शुक्ल

विनोद कुमार शुक्ल

मूल्य: Rs. 60

विनोद कुमार शुक्ल की प्रतिनिधि कविताएँ   आगे...

प्रतिनिधि कविताएं: त्रिलोचन

त्रिलोचन

मूल्य: Rs. 75

त्रिलोचन की आत्मपरक कविताएँ किसी भी स्तर पर आत्मग्रस्त कविताएँ नहीं हैं और यह उनकी गहरी यथार्थ-दृष्टि और कलात्मक क्षमता का सबसे बड़ा प्रमाण है।   आगे...

प्रतिनिधि कविताएं: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

मूल्य: Rs. 60

इस संग्रह में उनके समूचे काव्य-कृतित्व से महत्त्वपूर्ण कविताएँ संकलित की गई हैं। जि़न्दगी के बड़े सरोकारों से जुड़ी उनकी कविताएँ उन शक्तियों का विरोध करती हैं जो उसे किसी भी स्तर पर कुरूप करने के लिए जिम्मेदार हैं।   आगे...

प्रतिनिधि कविताएं: राजेश जोशी

राजेश जोशी

मूल्य: Rs. 75

राजेश जोशी की कविताओं को पढ़ना एक पीढ़ी और उसके समय से दस-पन्द्रह साल पीछे की कविता और उससे जुड़ी बहसों के बारे में सोचना, और इतने ही साल आगे की कविता और उसकी मुश्किलों की ओर ताकना है।   आगे...

प्रतिनिधि कविताएं: रघुवीर सहाय

रघुवीर सहाय

मूल्य: Rs. 60

रघुवीर सहाय भारतीय लोकतंत्र की विसंगतियों के बीच मरते हुए इसी बहुसंख्यक मतदाता के प्रतिनिधि कवि हैं, और इस मतदाता की जीवन-स्थितियों की खबर देनेवाली कविताएँ उनकी प्रतिनिधि कविताएँ हैं।   आगे...

प्रतिनिधि कविताएं : नागार्जुन

नागार्जुन

मूल्य: Rs. 75

उनकी कविताएँ लोक-संस्कृति के इतना नजदीक हैं कि उसी का एक विकसित रूप मालूम होती हैं।

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प्रतिनिधि कविताएं: कुंवर नारायण

कुंवर नारायण

मूल्य: Rs. 75

शुरू से लेकर अब तक की कविताएँ सिलसिलेवार पढ़ी जाएँ तो कुँवर नारायण की भाषा में बदलते मिज़ाज को लक्ष्य किया जा सकता है।   आगे...

 

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