नई पुस्तकें >> हिन्दू विवाह एवं यज्ञोपवीत संस्कार हिन्दू विवाह एवं यज्ञोपवीत संस्कारभोजराज द्विवेदी
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
मनुष्य स्वभावतः एक जिज्ञासु प्राणी है। सनातन हिन्दू् धर्म में बहुत सारी मान्यताए आदिकाल से प्रचलित हैं। आज के अति बुद्धिवादी वैज्ञानिक युग के लोग बाबा वाक्य प्रमाणम्र में विश्वास नहीं रखते। धर्महीन शिक्षा का प्रचार सर्व बढ़ गया है। नई पीढ़ी प्राचीन संस्कारों एवं पुरातन संस्कृति के प्राचीन विचारों को दकियानूसी समझने लगी है। ऐसे में हमारे प्राचीन संस्कारों एवं पुरातन संस्कृति में छिपे वैज्ञानिक रहस्यों को जनमानस के मध्य सही एवं सच्चे तर्क के साथ उद्घाटित करना बहुत जरूरी है।
प्रस्तुत पुस्तक इस श्रृंखला की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विद्वान लेखक डॉ भोजराज द्विवेदी की यशस्वी लेखनी ने प्रश्नात्मक शैली में हिन्दू दर्शन एवं सिद्धांत के अछूते पहलुओं को अत्यन्त् सरल एवं स्पष्ट शैली में उद्घाटित किया है। हमें विश्वास है कि पूर्व में प्रकाशित पुस्तकों की तरह इस पुस्तक को भी प्रबुद्ध पाठकों का अपार स्नेह मिलेगा।
प्रस्तुत पुस्तक इस श्रृंखला की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विद्वान लेखक डॉ भोजराज द्विवेदी की यशस्वी लेखनी ने प्रश्नात्मक शैली में हिन्दू दर्शन एवं सिद्धांत के अछूते पहलुओं को अत्यन्त् सरल एवं स्पष्ट शैली में उद्घाटित किया है। हमें विश्वास है कि पूर्व में प्रकाशित पुस्तकों की तरह इस पुस्तक को भी प्रबुद्ध पाठकों का अपार स्नेह मिलेगा।
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