गीता प्रेस, गोरखपुर >> भगवान के स्वरूप का रहस्य भगवान के स्वरूप का रहस्यजयदयाल गोयन्दका
|
4 पाठकों को प्रिय 280 पाठक हैं |
प्रस्तुत पुस्तक में भगवान के स्वरूप के रहस्य का मार्मिक चित्रण....
इन लेखों में भाव भगवान् के भगवद्भक्तों के और सत्-शास्त्रों के वचनों के आधार पर ही लिखे हुए हैं,इसलिए इनके अनुसार जो कोई भी अपना जीवन बनावें उनको भगवत्प्राप्ति होने में कोई संशय नहीं है।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book