नई पुस्तकें >> राजपाल हिन्दी अंग्रेजी थेसारस राजपाल हिन्दी अंग्रेजी थेसारसगोपानाथ श्रीवास्तव
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
थेसारस किसी भी समृद्ध भाषा की मौलिक आवश्यकता है। अंग्रेजी में बहुप्रचलित थेसारस पीटर रॉजेट ने डेढ सौ वर्ष पूर्व बनाया था जिसके आधार पर आज पचासों थेसारस चल रहे है। दुनिया का पहला ‘अमरकोश’ यद्यपि हजार वर्ष पूर्व भारत में ही बना- जिसका विस्तृत उल्लेख रंजिट ने अपनी भूमिका में दिया है-परन्तु आज हम अपनी इस परम्परा को बिल्कुल भूल बैठे है। अनेक वर्ग के लोग यथा लेखक, अनुवादक, वक्ता, अध्यापक, शिक्षार्थी, कर्मचारी-बेलारस का उपयोग ही अधिक करते है और उसी से सामान्य कोश का काम भी लेते हैं। हिन्दी में अच्छे थेसारस अब तक प्रकाशित नहीं हुए है।
प्रस्तुत द्विभाषी थेसारस इस दृष्टि से तैयार किया गया है कि आज हिन्दी के साथ अंग्रेजी का भी समान-रुप से प्रयोग किया जा रहा है, इसलिए प्रयोगकर्ता की दोनों भाषाओं की आवश्यकता पूर्ण की जानी चाहिए। दोनों भाषाओं के समान्य उपयोग में आने वाले शब्दों से कहीं अधिक शब्द इसमें सम्मिलीत किये गये है। हिन्दी तथा अंग्रेजी से जुड़े देश-विदेश में फैले लाखों लोगों के लिए यह थेसारस बहुत उपयोगी है।
प्रस्तुत द्विभाषी थेसारस इस दृष्टि से तैयार किया गया है कि आज हिन्दी के साथ अंग्रेजी का भी समान-रुप से प्रयोग किया जा रहा है, इसलिए प्रयोगकर्ता की दोनों भाषाओं की आवश्यकता पूर्ण की जानी चाहिए। दोनों भाषाओं के समान्य उपयोग में आने वाले शब्दों से कहीं अधिक शब्द इसमें सम्मिलीत किये गये है। हिन्दी तथा अंग्रेजी से जुड़े देश-विदेश में फैले लाखों लोगों के लिए यह थेसारस बहुत उपयोगी है।
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