स्वास्थ्य-चिकित्सा >> ताकत का खजाना ताकत का खजानाआर.एस. गोयल
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
जब तक मानव-जाति भी अन्य प्राणियों की भाँति प्रकृति माता की प्यारी गोद में पलती रही, तब तक भोजन के अतिरिक्त किसी अन्य बलबर्द्धक दवा को आवश्यकता अनुभव नहीं हुई थी। ज्यों-ज्यों मानव ने प्राकृतिक जीवन-चर्या छोड़कर अप्राकृतिक जीवन की ओर कदम बढ़ाये, त्यों-त्यों यह अशक्त, निर्बल होता गया और प्रकृति-प्रदत्त अनुपम उपहार (जड़ी-बूटियों) को उसे औषध के रूप में सेवन करने की आवश्यकता होने लगी।
अब उसके कदम प्राकृतिक जीवन की ओर लौटने में तो न जाने कितने युग लगेंगे, अब तो यही उचित है कि आसान औषधियों का उपयोग करके शरीर को स्वस्थ रखा जाये।
इस पुस्तक का प्रणयन इसी दिशा में एक तुच्छ प्रयास है। मानव जाति के हित, चिन्तकों, महान् भारतीय मनीषियों एवं औषधि-विज्ञान के विख्यात ऋषि-मुनियों के शास्त्रीय नुस्खों, वर्तमान पीढ़ी के सुयोग्य वैद्य-हकीमों के स्वानुभूत योगों तथा निरन्तर भ्रमणशील साधु-सन्तों के परीक्षित टोटकों को संकलित करके इस पुस्तक की रचना इस शुभ-कामना के साथ की गई है -
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।
सभी सम्पर्क-सूत्रों के लिए मैं हृदय से आभारी हूँ।
- रामस्वरूप गोयल
1. शक्ति-वर्द्धक औषधियाँ
2. अल्पमोली शक्ति-वर्द्धक नुस्खे
3. रोगानुसार औषधि-प्रयोग
4. स्तम्भनकारी रोग
5. कब्ज-नाशक नुस्खे
6. पुष्टिकारक विभिन्न योग
शक्ति वर्द्धक औषधियाँ
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शतावर, असगन्ध और सफेद मूसली 50-50 ग्राम लें व पीसकर कपड़े में छान लें। फिर उसमें 150 ग्राम मिश्री मिलाकर रख लें। प्रतिदिन सुबह-शाम 10-10 ग्राम दवा दूध के साथ खाने से स्वप्नदोष मिट जाता है।
*
सोते समय 4 ग्रेन कपूर में मिश्री मिलाकर कुछ दिन तक सेवन करने से स्वप्नदोष में लाभ होता है।
*
बनारसी आँवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन धोकर खाने से भयङ्कर से भयङ्कर स्वप्नदोष रोग भी ठीक हो जाता है।
*
6 ग्राम चिरौंजी को कूटकर आधा किलो गाय के दूध में डालकर पकाएं। जव आधा दूध रह जाय, तब उतार कर रख लें। रात में सोते समय केवल तीन दिन तक खाने से स्वप्नदोष नष्ट हो जाता है।
*
एक माशा कपूर और चौथाई रत्ती अफीम मिलाकर सोते समय खाने से स्वप्नदोष नहीं होता है।
*
एक ग्राम बारीक पिसी राल को रात में सोते समय दूध के साथ खाने से शीघ्रपतन दूर होता है।
अब उसके कदम प्राकृतिक जीवन की ओर लौटने में तो न जाने कितने युग लगेंगे, अब तो यही उचित है कि आसान औषधियों का उपयोग करके शरीर को स्वस्थ रखा जाये।
इस पुस्तक का प्रणयन इसी दिशा में एक तुच्छ प्रयास है। मानव जाति के हित, चिन्तकों, महान् भारतीय मनीषियों एवं औषधि-विज्ञान के विख्यात ऋषि-मुनियों के शास्त्रीय नुस्खों, वर्तमान पीढ़ी के सुयोग्य वैद्य-हकीमों के स्वानुभूत योगों तथा निरन्तर भ्रमणशील साधु-सन्तों के परीक्षित टोटकों को संकलित करके इस पुस्तक की रचना इस शुभ-कामना के साथ की गई है -
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।
सभी सम्पर्क-सूत्रों के लिए मैं हृदय से आभारी हूँ।
- रामस्वरूप गोयल
1. शक्ति-वर्द्धक औषधियाँ
2. अल्पमोली शक्ति-वर्द्धक नुस्खे
3. रोगानुसार औषधि-प्रयोग
4. स्तम्भनकारी रोग
5. कब्ज-नाशक नुस्खे
6. पुष्टिकारक विभिन्न योग
शक्ति वर्द्धक औषधियाँ
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शतावर, असगन्ध और सफेद मूसली 50-50 ग्राम लें व पीसकर कपड़े में छान लें। फिर उसमें 150 ग्राम मिश्री मिलाकर रख लें। प्रतिदिन सुबह-शाम 10-10 ग्राम दवा दूध के साथ खाने से स्वप्नदोष मिट जाता है।
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सोते समय 4 ग्रेन कपूर में मिश्री मिलाकर कुछ दिन तक सेवन करने से स्वप्नदोष में लाभ होता है।
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बनारसी आँवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन धोकर खाने से भयङ्कर से भयङ्कर स्वप्नदोष रोग भी ठीक हो जाता है।
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6 ग्राम चिरौंजी को कूटकर आधा किलो गाय के दूध में डालकर पकाएं। जव आधा दूध रह जाय, तब उतार कर रख लें। रात में सोते समय केवल तीन दिन तक खाने से स्वप्नदोष नष्ट हो जाता है।
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एक माशा कपूर और चौथाई रत्ती अफीम मिलाकर सोते समय खाने से स्वप्नदोष नहीं होता है।
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एक ग्राम बारीक पिसी राल को रात में सोते समय दूध के साथ खाने से शीघ्रपतन दूर होता है।
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