स्वास्थ्य-चिकित्सा >> चमत्कारिक सरल प्रयोग चमत्कारिक सरल प्रयोगउमेश पाण्डे
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
छोटे उपाय भी लाभ देते हैं...
इतना तो सत्य है कि जीवन संघर्ष के बिना जीना सम्भव नहीं है। यह संघर्ष उन समस्याओं के विरुद्ध होता है जो हमेशा किसी न किसी रूप में कभी प्रत्यक्ष तो कभी परोक्ष रूप से व्यक्ति के सामने अनेक बाधायें उत्पन्न कर देती हैं। यह बाधायें अक्सर ही व्यक्ति को मिलने वाले सुख के आनन्द को कम करती हैं और दुःख, निराशा, तनाव तथा अवसाद जैसी स्थितियों को उत्पन्न कर बढ़ा देती हैं। इन समस्याओं से संघर्ष करना और न करना, व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है। अनेक व्यक्ति इनसे पूरी शक्ति से संघर्ष करते हैं और अनेक ऐसा कर पाने में विफल रहते हैं। कुछ व्यक्तियों का मनोबल इतना दृढ होता है कि वे कभी हार स्वीकार नहीं करते और उन समस्याओं से संघर्ष करते है जो उनके जीवन में किसी भी रूप मे बाधायें उत्पन्न कर रही होती हैं। कुछ व्यक्तियों में मनोबल इतना दृढ़ नहीं होता, उनमें संघर्ष करने की इच्छाशक्ति और साहस नहीं होता है, इसलिये वे विभिन्न प्रकार की समस्याओं और दुःखों को अपना भाग्य मान लेते हैं और इनके साथ जीवन जीने को अभिशप्त हो जाते हैं। ऐसे लोगों के सामने जीवन जीने का कोई लक्ष्य नहीं होता है। जीवन का एक-एक दिन वह उत्साहहीन अवस्था में व्यतीत करते चले जाते हैं। हमारे आसपास इस प्रकार के असंख्य व्यक्ति देखने को मिल जाते हैं। इनमें से अनेक व्यक्ति स्वयं को दिलासा देते हैं कि अगर उनके पास साधन होते और भाग्य अच्छा होता तो वे भी सुखी जीवन व्यतीत कर सकते थे। यहा मैं इतना कहना चाहूंगा कि अगर साधन उपलब्ध नहीं होते तो उन्हें बनाने का प्रयास किया जाना चाहिये। अपनी आवश्यकताओं के अनुसार साधनों को खोजने का कार्य स्वयं को ही करना होता है। इसके लिये किसी को दोष देना उचित नहीं है। जो व्यक्ति आज उन्नति के शिखर पर हैं, उन्होंने भी साधन स्वयं ही बनाये थे और स्वयं ही खोजे थे। स्वयं की असफलताओं पर आवरण डाल कर दायित्वों से मुक्त नहीं हुआ जा सकता।
किसी बड़ी समस्या को देख कर कुछ व्यक्ति इस कारण से घबरा जाते हैं कि इसके समाधान के लिये प्रयास भी बहुत अधिक करना पड़ेगा। बड़े प्रयास की कल्पना करते हैं तो वे विचलित हो जाते हैं कि वे ऐसा कर पाने में सफल नहीं हो पायेंगे। यह विचार उनमें हताशा और निराशा को उत्पन्न कर देते हैं। बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि समस्या जितनी बड़ी होगी, उसका समाधान भी उतना ही बड़ा होगा किन्तु ऐसा कई बार नहीं होता है। बहुत बड़ी समस्या का समाधान भी एक छोटे से उपाय के द्वारा हो जाता है। चूंकि इस पर अक्सर व्यक्ति विश्वास नहीं कर पाता इसलिये वह इन उपायों को प्रयोग में लाने का प्रयास नहीं करता है। प्राचीन काल से ही ऐसे अनेक उपयोगी एवं चमत्कारिक प्रभाव देने वाले उपायों का प्रयोग होता आया है जिसके माध्यम से बड़ी-बड़ी समस्यायें भी तुरन्त दूर हो जाती हैं। समस्यायें तथा दुःख व्यक्ति के साथ तभी से जुड़े हैं, जबसे उसका जन्म हुआ है। यह बात अवश्य है कि समय के साथ-साथ समस्याओं का स्वरूप बदलता चला गया है किन्तु उपायों के चमत्कारिक प्रभाव में कोई अन्तर नहीं आया। यह प्राचीन काल में भी इतने ही प्रभावी थे, जितने कि आज हैं। इसमें अन्तर केवल इतना आया है कि पहले इन उपायों पर व्यक्ति को विश्वास था और इनका प्रयोग करते समय वह आस्था एवं श्रद्धा से भरा रहता था। परिणाम स्वरूप उन्हें तत्काल वांछित फल की प्राप्ति होती थी। आज व्यक्ति को इन पर पूर्ण विश्वास नहीं है, इसलिये अक्सर किसी भी उपाय का प्रयोग करने को तत्पर नहीं होता। अगर किसी भारी परेशानी के कारण चारों तरफ से हताश और निराश होकर वह उपाय का प्रयोग करता भी है तो उसके अन्तर्मन में हमेशा यह विचार उत्पन्न होता है कि इस सामान्य उपाय से उसे क्या लाभ मिलेगा ? यह विचार आस्था एवं विश्वास के धरातल को विचलित कर देते हैं। जहां श्रद्धा, आस्था और विश्वास नहीं होगा, वहां कभी प्रभु की कृपा नहीं होती। परिणामस्वरूप ऐसे व्यक्तियों द्वारा किये गये उपाय का कोई लाभ नहीं मिलता है। इसके उपरांत भी इसमें किसी प्रकार का संशय नहीं होना चाहिये कि आज भी छोटे-छोटे उपाय पूर्ण लाभ देते हैं। विचारणीय बात यह है कि इनसे कौन व्यक्ति कितना लाभ ले पाता है ?
चमत्कारिक सरल प्रयोग पुस्तक में ऐसे ही छोटे किन्तु चमत्कारिक प्रभाव देने वाले उपायों को बताया गया है जिनका प्रयोग विश्वास के साथ किया जाता है तो अवश्य लाभ की प्राप्ति होती है। मेरा इस बारे में प्रबल विश्वास है कि इन उपायों का अवश्य ही सार्थक और आशानुकूल फल प्राप्त होता है और व्यक्ति की समस्यायें दूर होती हैं। अनेक विद्वान संत महात्माओं के सानिध्य में रह कर ऐसे अनेक उपायों, सरल यंत्रों एवं अत्यन्त सरल प्रयोगों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। इन उपायों के द्वारा असंख्य जातकों ने अपनी समस्याओं से मुक्ति प्राप्त की है। आज असंख्य व्यक्तियों की विभिन्न प्रकार की समस्याओं और दुःखों में देखकर ऐसे विलक्षण, प्रभावी एवं चमत्कारिक उपायों को चमत्कारिक सरल प्रयोग पुस्तक के रूप में प्रस्तुत करते हुये मैं अत्यधिक आनन्द की अनुभूति कर रहा हूँ। मेरा विश्वास है समस्त पाठकों के लिये यह पुस्तक अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी।
किसी बड़ी समस्या को देख कर कुछ व्यक्ति इस कारण से घबरा जाते हैं कि इसके समाधान के लिये प्रयास भी बहुत अधिक करना पड़ेगा। बड़े प्रयास की कल्पना करते हैं तो वे विचलित हो जाते हैं कि वे ऐसा कर पाने में सफल नहीं हो पायेंगे। यह विचार उनमें हताशा और निराशा को उत्पन्न कर देते हैं। बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि समस्या जितनी बड़ी होगी, उसका समाधान भी उतना ही बड़ा होगा किन्तु ऐसा कई बार नहीं होता है। बहुत बड़ी समस्या का समाधान भी एक छोटे से उपाय के द्वारा हो जाता है। चूंकि इस पर अक्सर व्यक्ति विश्वास नहीं कर पाता इसलिये वह इन उपायों को प्रयोग में लाने का प्रयास नहीं करता है। प्राचीन काल से ही ऐसे अनेक उपयोगी एवं चमत्कारिक प्रभाव देने वाले उपायों का प्रयोग होता आया है जिसके माध्यम से बड़ी-बड़ी समस्यायें भी तुरन्त दूर हो जाती हैं। समस्यायें तथा दुःख व्यक्ति के साथ तभी से जुड़े हैं, जबसे उसका जन्म हुआ है। यह बात अवश्य है कि समय के साथ-साथ समस्याओं का स्वरूप बदलता चला गया है किन्तु उपायों के चमत्कारिक प्रभाव में कोई अन्तर नहीं आया। यह प्राचीन काल में भी इतने ही प्रभावी थे, जितने कि आज हैं। इसमें अन्तर केवल इतना आया है कि पहले इन उपायों पर व्यक्ति को विश्वास था और इनका प्रयोग करते समय वह आस्था एवं श्रद्धा से भरा रहता था। परिणाम स्वरूप उन्हें तत्काल वांछित फल की प्राप्ति होती थी। आज व्यक्ति को इन पर पूर्ण विश्वास नहीं है, इसलिये अक्सर किसी भी उपाय का प्रयोग करने को तत्पर नहीं होता। अगर किसी भारी परेशानी के कारण चारों तरफ से हताश और निराश होकर वह उपाय का प्रयोग करता भी है तो उसके अन्तर्मन में हमेशा यह विचार उत्पन्न होता है कि इस सामान्य उपाय से उसे क्या लाभ मिलेगा ? यह विचार आस्था एवं विश्वास के धरातल को विचलित कर देते हैं। जहां श्रद्धा, आस्था और विश्वास नहीं होगा, वहां कभी प्रभु की कृपा नहीं होती। परिणामस्वरूप ऐसे व्यक्तियों द्वारा किये गये उपाय का कोई लाभ नहीं मिलता है। इसके उपरांत भी इसमें किसी प्रकार का संशय नहीं होना चाहिये कि आज भी छोटे-छोटे उपाय पूर्ण लाभ देते हैं। विचारणीय बात यह है कि इनसे कौन व्यक्ति कितना लाभ ले पाता है ?
चमत्कारिक सरल प्रयोग पुस्तक में ऐसे ही छोटे किन्तु चमत्कारिक प्रभाव देने वाले उपायों को बताया गया है जिनका प्रयोग विश्वास के साथ किया जाता है तो अवश्य लाभ की प्राप्ति होती है। मेरा इस बारे में प्रबल विश्वास है कि इन उपायों का अवश्य ही सार्थक और आशानुकूल फल प्राप्त होता है और व्यक्ति की समस्यायें दूर होती हैं। अनेक विद्वान संत महात्माओं के सानिध्य में रह कर ऐसे अनेक उपायों, सरल यंत्रों एवं अत्यन्त सरल प्रयोगों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। इन उपायों के द्वारा असंख्य जातकों ने अपनी समस्याओं से मुक्ति प्राप्त की है। आज असंख्य व्यक्तियों की विभिन्न प्रकार की समस्याओं और दुःखों में देखकर ऐसे विलक्षण, प्रभावी एवं चमत्कारिक उपायों को चमत्कारिक सरल प्रयोग पुस्तक के रूप में प्रस्तुत करते हुये मैं अत्यधिक आनन्द की अनुभूति कर रहा हूँ। मेरा विश्वास है समस्त पाठकों के लिये यह पुस्तक अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी।
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