लोगों की राय

भाषा एवं साहित्य >> नयी कहानी की भूमिका

नयी कहानी की भूमिका

कमलेश्वर

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :192
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 9322
आईएसबीएन :9788126728589

Like this Hindi book 4 पाठकों को प्रिय

226 पाठक हैं

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

‘एक शानदार अतीत कुत्ते की मौत मर रहा है, उसी में से फूटता हुआ एक विलक्षण वर्तमान रू-ब-रू खड़ा है-अनाम, अरक्षित, आदिम अवस्था में ! और आदिम अवस्था में खड़ा यह मनुष्य अपनी भाषा चाहता है, आस्था चाहता है, कविता और कला चाहता है, मूल्य और संस्कार चाहता है; अपनी मानसिक और भौतिक दुनिया चाहता है’ - यह है नयी कहानी की भूमिका - इस कहानी को शास्त्र और शास्त्रियों द्वारा परिभाषित करने की जब-जब कोशिश हुई है, कहानी और कहानीकार ने विद्रोह किया है !

इस कहानी को केवल जीवन के संदर्भो से ही समझा जा सकता है, युग के सम्पूर्ण बोध के साथ ही पाया जा सकता है ! नयी कहानी के प्रमुख प्रवक्ता तथा समान्तर कहानी आन्दोलन के प्रवर्तक कमलेश्वर ने छठे दशक के काल खंड में जीवन के उलझे रेशों और उससे उभरनेवाली कहानी की जटिलताओं को गहरी और साफ़ निगाहों से विश्लेषित किया है ! साहित्य का यह विश्लेषण बिना स्वस्थ सामाजिक दृष्टि के संभव नहीं है !

कमलेश्वर की यह पुस्तक इसलिए ऐतिहासिक महत्व की है क्योंकि यह समय और साहित्य को पारस्परिक समग्रता में समझने की दृष्टि देती है ! ‘नयी कहानी की भूमिका’ अपने समय के साहित्य का अत्यंत विशिष्ट दस्तावेज है; पाठकों, लेखकों और अध्येताओं के लिए अपरिहार्य पुस्तक है !

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book