सिनेमा एवं मनोरंजन >> हमारे कप्तान धोनी से नायडू तक हमारे कप्तान धोनी से नायडू तकसूर्य प्रकाश चतुर्वेदी
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
हमारे कप्तान नायडू से धोनी तक क्रिकेट खेल में कप्तान की अहम भूमिका होती है। सादगी और शालीनता के इस खेल में एक सर्वमान्य खिलाड़ी नेतृत्व करने के लिए चुना जाता है। सभी खिलाड़ी कप्तान को आदर भाव से देखते हैं। ‘हमारे कप्तान’ किताब में लेखक ने आंकड़ों, प्रसिद्धि एवं कामयाब फैसले लेने की क्षमता वाले ग्यारह भारतीय कप्तानों के बारे में अपनी राय रखी है।
भारतीय क्रिकेट के परिप्रेक्ष्य में इन कप्तानों की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही है। यह किताब उन्हीं सफल भारतीय कप्तानों के बारे में चर्चा करती है। ‘नायडू से धोनी तक’ खेल में अप्रतिम बदलाव आये हैं। टेस्ट क्रिकेट से बीसमबीस के खेल के सफर में हर कप्तान अपने अलग परिवेश में दर्शाया व दिखाया गया है।
भारत का पहला टेस्ट खेलने वाले कप्तान सी.के. नायडू हैं तो भारत को पहला बीसमबीस विश्व कप जिताने वाले कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी हैं। बीच में भारत को एकदिवसीय विश्व कप जिताने वाले कपिल देव भी हैं, और साथ-ही-साथ खेल की कूटनीति में धनी माने गए कप्तान मंसूर अली खां पटौदी भी यहाँ हैं।
जैसे-जैसे खेल लोकप्रिय होता गया, उसका फैलाव बढ़ता गया। ज्यादा खेलने के कारण कप्तान ज्यादा सफलता के आंकड़े पाते गए। इनमें मोहम्मद अज़हरुद्दीन और सौरव गांगुली भी शामिल हैं। कुछ भारतीय कप्तान जो लेखक की राय में इस श्रेणी में नहीं आते, उनका भी ज़िक्र इस पुस्तक में किया गया है और कारण बताए गए हैं। कुल मिला कर ‘हमारे कप्तान : नायडू से धोनी तक’ किताब एक रोचक व ऐतिहासिक बहस छेड़ती है। लेखक ने शानदार तैयारी व तरीके से अपने चुने हुए कप्तानों पर पैनी नज़र डाली है। पुस्तक रोचक ही नहीं, रोमांचित भी करती है।
भारतीय क्रिकेट के परिप्रेक्ष्य में इन कप्तानों की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही है। यह किताब उन्हीं सफल भारतीय कप्तानों के बारे में चर्चा करती है। ‘नायडू से धोनी तक’ खेल में अप्रतिम बदलाव आये हैं। टेस्ट क्रिकेट से बीसमबीस के खेल के सफर में हर कप्तान अपने अलग परिवेश में दर्शाया व दिखाया गया है।
भारत का पहला टेस्ट खेलने वाले कप्तान सी.के. नायडू हैं तो भारत को पहला बीसमबीस विश्व कप जिताने वाले कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी हैं। बीच में भारत को एकदिवसीय विश्व कप जिताने वाले कपिल देव भी हैं, और साथ-ही-साथ खेल की कूटनीति में धनी माने गए कप्तान मंसूर अली खां पटौदी भी यहाँ हैं।
जैसे-जैसे खेल लोकप्रिय होता गया, उसका फैलाव बढ़ता गया। ज्यादा खेलने के कारण कप्तान ज्यादा सफलता के आंकड़े पाते गए। इनमें मोहम्मद अज़हरुद्दीन और सौरव गांगुली भी शामिल हैं। कुछ भारतीय कप्तान जो लेखक की राय में इस श्रेणी में नहीं आते, उनका भी ज़िक्र इस पुस्तक में किया गया है और कारण बताए गए हैं। कुल मिला कर ‘हमारे कप्तान : नायडू से धोनी तक’ किताब एक रोचक व ऐतिहासिक बहस छेड़ती है। लेखक ने शानदार तैयारी व तरीके से अपने चुने हुए कप्तानों पर पैनी नज़र डाली है। पुस्तक रोचक ही नहीं, रोमांचित भी करती है।
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