सामाजिक >> दृष्टिदान दृष्टिदानप्रेमचंद
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
‘दृष्टिदान’ की कहानियां जीवन के विविध पहलुओं, अनुभवों, सचाइयों, सरोकारों एवं परिवेश के प्रति गहरी तथा मार्मिक ढंग से अभिव्यक्ति करने के साथ-साथ सकारात्मक दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करती है।
ये कहानियां पाठक के मन में एक अजीब सा कुतूहल जगाए रखती हैं। इसीलिए ये कहानियां भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में अनूदित और रूपांतरित होती रही हैं।
नोबेल पुरस्कार से पुरस्कृत रवींद्रनाथ टैगोर की इन कहानियों में उनकी सृजनात्मक एवं चिंतनात्मक प्रतिभा ने नवजागरण की चेतना को विकसित तथा पुष्ट किया है।
ये कहानियां पाठक के मन में एक अजीब सा कुतूहल जगाए रखती हैं। इसीलिए ये कहानियां भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में अनूदित और रूपांतरित होती रही हैं।
नोबेल पुरस्कार से पुरस्कृत रवींद्रनाथ टैगोर की इन कहानियों में उनकी सृजनात्मक एवं चिंतनात्मक प्रतिभा ने नवजागरण की चेतना को विकसित तथा पुष्ट किया है।
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