सामाजिक >> कवि का हृदय एवं अन्य पारिवारिक कहानियां कवि का हृदय एवं अन्य पारिवारिक कहानियांरबीन्द्रनाथ टैगोर
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
परिवार, समाज और साहित्य का गहरा संबंध है, इसलिए साहित्यकार चाहे वह कवि हो या कथाकार परिवार और समाज के प्रभाव से नहीं बच सकत्ता। टैगोर भी इसके अपवाद नहीं हैं। वह कवि होने के साथ-साथ कथाकार भी हैं।
टैगोर ने परिवार और समाज के विभिन्न वर्गों के जीवन, उनके सुख-दुःख आदि को बड़ी गहराई से देखा ही नहीं, अनुभव भी किया था। उनकी ये अनुभूतियां कहानियों में सहज ही अभिव्यक्त हुई हैं।
टैगोर की ऐसी ही चुनी हुई कहानियों का संकलन है - ‘कवि का हृदय एवं अन्य पारिवारिक कहानियां’ सरल एवं सुबोध हिंदी में प्रस्तुत कहानियों में पारिवारिक जीवन के सरस, खट्टे-मीठे अनुभव भरे पड़े हैं।
टैगोर ने परिवार और समाज के विभिन्न वर्गों के जीवन, उनके सुख-दुःख आदि को बड़ी गहराई से देखा ही नहीं, अनुभव भी किया था। उनकी ये अनुभूतियां कहानियों में सहज ही अभिव्यक्त हुई हैं।
टैगोर की ऐसी ही चुनी हुई कहानियों का संकलन है - ‘कवि का हृदय एवं अन्य पारिवारिक कहानियां’ सरल एवं सुबोध हिंदी में प्रस्तुत कहानियों में पारिवारिक जीवन के सरस, खट्टे-मीठे अनुभव भरे पड़े हैं।
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