लोगों की राय

कविता संग्रह >> कागज और कैनवस

कागज और कैनवस

अमृता प्रीतम

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :155
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 9267
आईएसबीएन :9788126704927

Like this Hindi book 6 पाठकों को प्रिय

212 पाठक हैं

प्रस्तुत है पुस्तक के कुछ अंश

कागज और कैनवास – अमृता प्रीतम पंजाबी के शीर्षस्थ कवियों और कथाकारों में गणनीय अमृता प्रीतम की सृजन-प्रतिभा को नारी-सुलभ कोमलता और संवेदनशीलता के साथ-साथ मर्म्भेदिनी कला-दृष्टि का सहज वरदान प्राप्त है ! उनके रचनाकार की यह विशिष्टता उन्हें एक ऐसा व्यक्तित्व प्रदान करती है जो तटस्थ भी है और आत्मीय भी ! निजता की भावना से उनकी कृतियाँ सराबोर हैं !

वर्ष 1980-81 के भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कागज और कैनवास में अमृता जी की उत्तरकालीन प्रतिनिधि कवितायें संगृहित हैं ! प्रेम और यौवन के धूप-छाँही रंगों में अतृप्त का रस घोलकर उन्होंने जिस उच्छल काव्य-बदिरा का आस्वाद अपने पाठकों को पहले कराया था, वह इन कविताओं तक आते-आते पर्याप्त संयमित हो गया है और सामाजिक यथार्थ के शिला-खण्डों से टकराते युग-मानव की व्यथा-कथा ही यहाँ विशेष रूप से मुखरित है !

आधुनिक यन्त्र-युग की दें मनुष्य के आंतरिक सूनेपन को भी अमृता जी ने बहुत सघनता के साथ चित्रित किया है! देवनागरी लिपि में मुद्रित मूल पंजाबी कविताओं के साथ उनका हिंदी रूपांतर पाठकों को उनके मर्म तक पैठने में सहायक होगा, इस आशा के साथ प्रस्तुत है यह विशिष्ठ कृति, जिसमें अमृता जी ने भोगे हुए क्षणों को वाणी दी है !

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book