कथा की पुस्तकें >> यह मेरी मातृभूमि है यह मेरी मातृभूमि हैप्रेमचंद
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प्रस्तुत है पुस्तक के कुछ अंश
एक जागरूक रचनाकार का अपने पारिवारिक और सामाजिक परिवेश के साथ-साथ समकालीन राजनीतिक गतिविधियों एवं परिस्थितियों से प्रभावित न होने का प्रश्न ही नहीं उठता। प्रेमचंद भी इसके अपवाद नहीं थे।
इसीलिए प्रेमचंद ने पारिवारिक और सामाजिक कहानियों साथ-साथ उस समय चल रहे स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ी कई कहानियां लिखी थीं, जिनका एकत्र संग्रह है - ‘यह मेरी मातृभूमि है।’
इस कहानी संग्रह में, तत्कालीन स्वाधीनता आंदोलन के साहचर्य में चल रहे स्वदेशी आंदोलन, शराबबंदी आंदोलन आदि की भी झलक मिलती है।
प्रेमचंद की ये कहानियां स्वाधीनता आंदोलन के संदर्भ में महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं।
इसीलिए प्रेमचंद ने पारिवारिक और सामाजिक कहानियों साथ-साथ उस समय चल रहे स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ी कई कहानियां लिखी थीं, जिनका एकत्र संग्रह है - ‘यह मेरी मातृभूमि है।’
इस कहानी संग्रह में, तत्कालीन स्वाधीनता आंदोलन के साहचर्य में चल रहे स्वदेशी आंदोलन, शराबबंदी आंदोलन आदि की भी झलक मिलती है।
प्रेमचंद की ये कहानियां स्वाधीनता आंदोलन के संदर्भ में महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं।
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