कविता संग्रह >> पिछले पृष्ठ से आगे... पिछले पृष्ठ से आगे...नारायण कुलकर्णी कवठेकर
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
मराठी के प्रसिद्द कवि नारायण कुलकर्णी कवठेकर के काव्य-संग्रह ‘मागील पानावरून पुढे सुरू...’ का हिंदी अनुवाद है-‘पिछले पृष्ठ से आगे...’! संग्रह की कविताएँ देश की समकालीन परिस्थितियों पर नै शैली में प्रकाश डालती हैं ! यह नै शैली हिंदी पाठकों को निश्चय ही कवि की भावनाओं की उत्कट प्रतीति कराएगी ! यह काव्य-संग्रह मनुष्य को असहाय, विवश एवं संत्रस्त बनाने वाली व्यवस्था के विरूद्ध एक प्रतिभावान कवि का कारगर हस्तक्षेप है ! न्यायिक प्रक्रिया का खोखलापन, सरकारी नीतियों की अशाश्वतता, सरकारी योजनाओं का गलत कार्यान्वयन, व्यवस्था द्वारा किये जाने वाले विकास के गलत दावे एवं फतवे, कलाकारों की बाधित स्वतंत्रता, प्रभावहीन नेताओं के नकली चेहरे, प्राकृतिक तत्वों की बेशुमार लूट, किसानों एवं आदिवासियों की छिछालेदर, उन पर बरसाने वाले आसमानी एवं सुल्तानी संकट, महिलाओं पा हो रहे निर्मम अत्याचार आदि कितने ही विषय हैं जिनको जमीनी यथार्थ के अधिकाधिक पहलुओ समेत प्रस्तुत कर कवि ने अपनी असाधारण प्रभा का परिचय दिया है ! कवि द्वारा समस्या की जड़ तक जाने, उसके अछूते पहलुओं को उभारने तथा उक्ति, सूक्ति, स्वभावोक्ति, वक्रोक्ति, व्यग्योक्ति आदि अभिव्यक्ति के सभी स्टारों पर नए प्रयोग करने से प्रस्तुत संग्रह की कविताओं में हम असाधारण ताजगी एवं जीवन्तता का अनुभव कर सकते हैं !
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