धर्म एवं दर्शन >> सीखभरी कहानियाँ सीखभरी कहानियाँस्वामी अवधेशानन्द गिरि
|
7 पाठकों को प्रिय 424 पाठक हैं |
इस पुस्तक की प्रत्येक कथा जीवन के ऐसे पहलुओं की ओर इशारा करती है, जिस ओर अक्सर हमारा ध्यान नहीं जाता...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
मनुष्य-योनि की विशेषता है-कर्मों में स्वतंत्रता और परतंत्रता का अद्भुत मिश्रण। इसी मायने में मनुष्य-जीवन अनंत संभावनाओं का पिटारा है। कभी-कभी मनुष्य ’सीखने’ के संदर्भ में अपने जीवन के प्रति क्षुब्ध हो जाता है। क्योंकि वह मनुष्य ही है जिसे सब कुछ सीखना पडता है। इसीलिए ’सीख’ का संबंध मनुष्य से होता है।
इस पुस्तक की प्रत्येक कथा जीवन के ऐसे पहलुओं की ओर इशारा करती है, जिस ओर अक्सर हमारा ध्यान नहीं जाता।
इस पुस्तक की प्रत्येक कथा जीवन के ऐसे पहलुओं की ओर इशारा करती है, जिस ओर अक्सर हमारा ध्यान नहीं जाता।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book