विविध >> बहिष्कृत बचपन बहिष्कृत बचपनसचिन कुमार जैन
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बहिष्कार की परिभाषा, प्रक्रिया और परिणाम को समझने के लिए एक धड़कता हुआ दिल चाहिये...
भूखे रहना सीखते हैं बच्चे
यहां बच्चों को भूखा रहना सिखाया जाता है। छः माह की उम्र में माँ का दूध छोड़ते ही सीधे गेहूँ या मक्के या आटे की रोटी पर उतर आते हैं। वे अपनी लार से कड़क रोटी को गीला करके चबाते रहते हैं। इससे यह अहसास बना रहता है कि उन्हें कुछ खाने को मिल रहा है। जब वे पूरी तरह अभ्यस्त हो जाते हैं तब रोटी पर मिर्च-नमक की चटनी लगा दी जाती है। यही बच्चों की पूरी खुराक होती है। वे इसी भूख के साथ जीने के अभ्यस्त हो जाते हैं।
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