विविध >> भूख को विकास का ताज बना दिया भूख को विकास का ताज बना दियासचिन कुमार जैन
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विकास एक प्रक्रिया है, यह तो चलती ही रहेगी...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
विकास एक प्रक्रिया है, यह तो चलती ही रहेगी। इस मामले में हमारे हाथ शायद कुछ भी नहीं है। परन्तु विकास की प्रक्रिया मानवीय, गरिमामय और जिम्मेदार हो, यह सुनिश्चित करना तो हमारे हाथ में ही है।
हमारा विकास समाज के कुछ तबकों को अमीर और कुछ को गरीब न बनाए, यह तय करना ही हमारी राजनीति का केन्द्रीय सिद्धान्त होना चाहिये।
इसी परिप्रेक्ष्य में विकास के तराजू को समाज के वंचित समुदायों के पक्ष में लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 8 सहस्राब्दि विकास लक्ष्य तय किये हैं।
यह माना गया था कि गरीबी और भुखमरी मानव विकास के सामने सबसे बुनियादी चुनौतियाँ हैं। गरीबी और भुखमरी के इसी सवाल पर यह तथ्यपरक पुस्तक है।
इस पुस्तक का मकसद है विकास लक्ष्य की चुनौतियों के जमीनी विश्लेषण को व्यापक मंचों पर लाना।
हमारा विकास समाज के कुछ तबकों को अमीर और कुछ को गरीब न बनाए, यह तय करना ही हमारी राजनीति का केन्द्रीय सिद्धान्त होना चाहिये।
इसी परिप्रेक्ष्य में विकास के तराजू को समाज के वंचित समुदायों के पक्ष में लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 8 सहस्राब्दि विकास लक्ष्य तय किये हैं।
यह माना गया था कि गरीबी और भुखमरी मानव विकास के सामने सबसे बुनियादी चुनौतियाँ हैं। गरीबी और भुखमरी के इसी सवाल पर यह तथ्यपरक पुस्तक है।
इस पुस्तक का मकसद है विकास लक्ष्य की चुनौतियों के जमीनी विश्लेषण को व्यापक मंचों पर लाना।
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