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उपन्यास >> शीश महल

शीश महल

अमिताभ घोष

प्रकाशक : पेंग्इन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2012
पृष्ठ :560
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8850
आईएसबीएन :9780143065647

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तीन पीढ़ियों के प्यार और युद्ध की शानदार और दिल को छू लेने वाली कहानी

Sheesh Mahal (Amitabh Ghosh)

शीशमहल की कहानी बर्मा के राजतंत्र के बिखरने से शुरु होती है। यह एक आदमी, उसकी खुशनसीबी, उसके परिवार और उसकी किस्मत की कहानी है। शीशमहल एक गरीब भारतीय लड़के राजकुमार का ज़िंदगीनामा है, जो राजनीति और सामाजिक उथल-पुथल की लहरों पर सवार होकर उन्नति की सीढ़ियां चढ़ता जाता है और बर्मा के सागवान के जंगलों पर अपना साम्राज्य खड़ा कर लेता है। 1885 में जब ब्रिटिश सैनिक बर्मा पर कब्जा कर लेते हैं तो जबरन देश से निर्वासित किए जा रहे शाही परिवार के बीच एक नौकरानी डॉली पर राजकुमार की नज़र पड़ती है और वो उसके प्रेम में पड़ जाता है। उसे भूल पाने में नाकाम राजकुमार बरसों बाद अपने खोए हुए प्यार की तलाश में निकलता है।

तीन पीढ़ियों के प्यार और युद्ध की इस शानदार और दिल को छू लेने वाली कहानी में अमिताभ घोष उपनिवेशवाद और पूंजीवाद शोषण की निर्मम आलोचना पेश करते हैं।

यह भारतीय मूल के लोगों की मानवीय संवेदना से भरी कहानी है, जिसमें युद्ध और उपनिवेशवाद के दौर के नुकसानों और हसरतों की दास्तान है।

-इंडिया टुडे

लेखक परिचय


अमिताभ घोष का जन्म कलकत्ता में हुआ और वे बांग्लादेश, श्रीलंका तथा भारत में पले-बढ़े। उन्होंने दिल्ली तथा ऑक्सफोर्ड विशअवविद्यालयों में अध्ययन किया और अनेक संस्थानों में पढ़ाया है। नशे का दरिया (रिवर ऑफ़ स्मोक) उनकी चर्चित आइबिस त्रयी का दूसरा उपन्यास है। इस त्रयी का पहला उपन्यास अफ़ीम सागर (सी ऑफ़ पॉपीज़) बेस्टसेलिंग रहा है और उसे 2008 में मैन बुकर पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्टेड भी किया गया था। घोष की दूसरी किताबों में प्रिक्स मेडिकी एटरेंजर अवार्ड प्राप्त द सर्किल ऑफ़ रीजन, साहित्य अकादेमी सम्मान प्राप्त द शैडो लाइंस, इन एन एंटीक लैंड, ऑर्थर सी. क्लार्क अवार्ड प्राप्त द कलकत्ता क्रोमोसोम, डांसिंग इन कंबोडिया एंड अदर एसेज, काउंटडाउन, फ्रैंकफर्ट इंटरनेशनल ई-बुक अवार्ड्स में ग्रांड प्राइज फॉर फिक्शन प्राप्त द ग्लास पैलेस, द इमाम एंड द इंडियन और श्रेष्ठ अंग्रेजी कथासाहित्य के लिए हच क्रॉसवर्ड बुक अवार्ड प्राप्त द हंगरी टाइड शामिल हैं। 2007 में उनको ग्रिंजेन कैवर प्राइज तथा 2010 में डैन डेविड प्राइज से सम्मानित किया गया। अमिताभ फिलहाल कलकत्ता, गोवा और ब्रुकलिन में रहते हैं।


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