रहस्य-रोमांच >> डबल गेम डबल गेमसुरेन्द्र मोहन पाठक
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घात, आघात, प्रतिघात का डबल गेम
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
ब्लास्ट सच्चाई और इंसाफ का तलबगार है। उन बदनसीब का तरफदार है जो सच्चाई और इंसाफ के तालिब हैं।
गुनाह को आँखों के सामने होता देख कर खामोश रहना गुनहगार की मदद करना है।
घात, आघात, प्रतिघात का डबल गेम
गुनाह को आँखों के सामने होता देख कर खामोश रहना गुनहगार की मदद करना है।
घात, आघात, प्रतिघात का डबल गेम
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