कहानी संग्रह >> छाया मत छूना मन छाया मत छूना मनसुधा शुक्ला
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लेखिका का चिन्तन सतत् प्रवाहमान है। वह जगत में घटित होने वाले कार्य-व्यापारों पर सूक्ष्म दृष्टि रखती है। फिर उसे अपने चिंतन में किसी कथानक का रूप देकर अभिव्यक्त करती हैं
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
प्रस्तुत संग्रह की कहानियां लेखिका की परिपक्वता की परिचायक हैं। इसके परिशीलन से यह प्रतीत नहीं होता कि यह उनका प्रथम कहानी संग्रह है। उनकी भाषा शैली सधी हुई तथा विषयानुकूल है। सबसे अच्छी बात यह है कि उनकी कहानियों के विषय भी वैविध्यपूर्ण हैं। उनकी प्रत्येक कहानी जीवन के किसी न किसी अलग पहलू का दिग्दर्शन कराती है।
कथा संग्रह की प्रथम कहानी छाया मत छूना मन युवक-युवतियो के बीच पनपते रोमांस के बहाने कथित प्रेम की वास्तविकता को उजागर करने और भावनाओं से खिलवाड़ कर छलावे और फरेब की कथा है तो प्रीति कहानी एक रुग्ण जीवन साथी के प्रति उसके प्रतिबद्ध पति के अनन्य अनुराग की मर्मस्पर्शी कथा है। विडम्बना कहानी में पुरुष की देहलिप्सा और स्त्री के हर जगह असुरक्षित रहने की व्यथा अत्यंत प्रभावशाली ढंग से अभिव्यक्त हुई है। कहानी सात फेरे में दाम्पत्य जीवन की परस्पर प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया है। एक कप चाय एक बहुत दिलचस्प कहानी है जिसमें इंसान की कोई लत उसको कैसी हास्यास्पद स्थितियों में पहुंचा देती है, इस तथ्य का चित्रण बखूबी किया गया है।
इस संग्रह की सभी कहानियां सार्थक हैं और पाठकों को कोई न कोई संदेश देने में सक्षम हैं।
कथा संग्रह की प्रथम कहानी छाया मत छूना मन युवक-युवतियो के बीच पनपते रोमांस के बहाने कथित प्रेम की वास्तविकता को उजागर करने और भावनाओं से खिलवाड़ कर छलावे और फरेब की कथा है तो प्रीति कहानी एक रुग्ण जीवन साथी के प्रति उसके प्रतिबद्ध पति के अनन्य अनुराग की मर्मस्पर्शी कथा है। विडम्बना कहानी में पुरुष की देहलिप्सा और स्त्री के हर जगह असुरक्षित रहने की व्यथा अत्यंत प्रभावशाली ढंग से अभिव्यक्त हुई है। कहानी सात फेरे में दाम्पत्य जीवन की परस्पर प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया है। एक कप चाय एक बहुत दिलचस्प कहानी है जिसमें इंसान की कोई लत उसको कैसी हास्यास्पद स्थितियों में पहुंचा देती है, इस तथ्य का चित्रण बखूबी किया गया है।
इस संग्रह की सभी कहानियां सार्थक हैं और पाठकों को कोई न कोई संदेश देने में सक्षम हैं।
विषय क्रम
1 छाया मत छूना मन
2 प्रीति
3 आत्म प्रलाप
4 विडम्बना
5 सात फेरे
6 एक कप चाय
7 निष्ठा का परितोष
8 कोलाज
9 दिनन को फेर
10 आस्था के आयाम
11 मृग ढुंढे वन मांहि
12 महुआ
13 अब लौं नसानी अब न नसैहौं
14 बायोग्राफी
15 जिन्दगी रुकती नहीं
16 जाहि विधि राखे राम
17 रिश्ते
18 और जीवन चलता रहा
2 प्रीति
3 आत्म प्रलाप
4 विडम्बना
5 सात फेरे
6 एक कप चाय
7 निष्ठा का परितोष
8 कोलाज
9 दिनन को फेर
10 आस्था के आयाम
11 मृग ढुंढे वन मांहि
12 महुआ
13 अब लौं नसानी अब न नसैहौं
14 बायोग्राफी
15 जिन्दगी रुकती नहीं
16 जाहि विधि राखे राम
17 रिश्ते
18 और जीवन चलता रहा
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