गजलें और शायरी >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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तुम्हारे सजने-सँवरने के काम आयेंगे, मेरे खयाल के जेवर सम्भाल कर रखना....
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पत्थरों से सवाल करते हैं
पत्थरों से सवाल करते हैं।
आप भी क्या कमाल करते हैं।।
ख़ुश्बुयें क़ैद हो नहीं सकतीं,
क्यों गुलों को हलाल करते हैं।
वो जो दावे कभी नहीं करते,
सिर्फ़ वे ही कमाल करते हैं।
इसका कोई सिला मिले न मिले,
हम वफ़ा बहरहाल करते हैं।
ग़म नहीं छोड़ते मुझे तन्हा,
मेरा कितना ख़याल करते हैं।
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