गजलें और शायरी >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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तुम्हारे सजने-सँवरने के काम आयेंगे, मेरे खयाल के जेवर सम्भाल कर रखना....
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जब वो अपने से हार जायेगा
जब वो अपने से हार जायेगा।
मुझ पे ग़ुस्सा उतार जायेगा।।
सारी जंगें दिमाग़ से लड़ना,
दिल लड़ेगा तो हार जायेगा।
लाख दरिया मना करे लेकिन,
जो भी तैरेगा पार जायेगा।
तेरे दर पर भले न जाऊँ मैं,
दिल मेरा बार-बार जायेगा।
जाने कब दिन फिरेंगे आँखों के,
जाने कब इन्तज़ार जायेगा।
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