गजलें और शायरी >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
|
173 पाठक हैं |
तुम्हारे सजने-सँवरने के काम आयेंगे, मेरे खयाल के जेवर सम्भाल कर रखना....
16
ग़मों की भीड़ में कोई ख़ुशी तलाश करें
ग़मों की भीड़ में कोई ख़ुशी तलाश करें।
इन्हीं बुतों में चलो ज़िन्दगी तलाश करें।।
नदी हमेशा समन्दर तलाश करती है,
मज़ा तो जब है समन्दर नदी तलाश करें।
बजाय इसके गिनायें हम ऐब ग़ैरों के,
हमें ये चाहिए अपनी कमी तलाश करें।
ये आफ़ताब हुआ है शिकार साज़िश का,
कहाँ है क़ैद चलो रौशनी तलाश करें।
ख़ुदा तलाश करेंगे तो मिल भी जायेगा,
जो खो गया है कहीं आदमी तलाश करें।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book