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कविता संग्रह >> वक्त का बहता दरिया

वक्त का बहता दरिया

प्रवेश धवन

प्रकाशक : कलावती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :96
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 8769
आईएसबीएन :8188170347

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अपने उन्वान को सार्थक करती हुई प्रवेश धवन की कविताएं सचमुच अपने पाठकों का ध्यान बरबस अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं।

Wakt Ka Dariya

प्रवेश धवन का यह त्रिकोणीय संग्रह जिसे कवियित्री ने वक्त का बहता दरिया नाम दिया है, वास्तव में समय के अनेक पहलुओं के अनेक पक्ष समेटे, काव्य रूप में बहते नन्हें दरिया सा ही है, जिसमें कविताएं हैं, लहरों को उन्मादित और शांत प्रवाह देती गजलें हैं, गजल को आकार देती नज्में हैं, अपनी बात कहती हुई, तो कहीं गीत हैं, अपने अंतर में गीतों की वेदना-संवेदना समेटे हुये।

प्रवेश धवन अपने इस दूसरे काव्य संग्रह तक आकर लेखन में कुछ सधी कलम लेकर आई हैं। वे कविता 'जिन्दगी, एक लम्बी, पेचीदा सड़क' में अपनी बात कुछ इस तरह सामने रखती हैं -

कभी मैं तेज डग भरती हूँ
तो काफिले के आगे निकल जाती हूँ
और जब धीरे चलती हूँ
तो काफिले के पीछे छूट जाती हूँ

और जीवन की अनुमानित गति के मध्य एक तालमेल का प्रयत्न सामने रखती हैं। कविता 'समानन्तर रेखाएं' -
दो तिनके बहाव में,
कई हजार तिनकों के साथ,
बहे जाते हैं, बहे जाते हैं
सागर की ओर।

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