कहानी संग्रह >> दैट हार्डली हैपन्स टू समवन दैट हार्डली हैपन्स टू समवनराजेश सिंह
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वास्तविकता के कैनवस पर जिंदगी और प्यार के बारे में लिखी गई कहानी
जीवन मे सभी को प्यार होता है फिर चाहे वह प्यार करियर से हो, खेल, संगीत, परिवार या किसी व्यक्ति से क्यों न हो।
राजीव की यात्रा छोटे-से गांव से शुरू होकर कस्बे, शहर से होती हुई महानगर तक के सांस्कृतिक और सामाजिक माहौल में रंगी हुई है। वह जीवन में उठाए गए अपने हर कदम से आगे तो बढ़ा पर असफलता ने उसे दो कदम पीछे भी धकेला। उसकी जिंदगी की उलझनों को सुलझाने के लिए कोई गणित काम नहीं आया। वास्तविकता के कैनवस पर जिंदगी और प्यार के बारे में लिखी गई ऐसी कहानी जो सबको अपनी जैसी लगती है और अलग भी। शायद इसलिए इस कहानी को दैट हार्डिल हैपन्स टू समवन का नाम दिया गया।
इस पुस्तक के लेखक राजेश सिंह ने भारतीय वायुसेना में चार वर्ष और भारतीय स्टेट बैंक मे आठ वर्षों तक भारत के विभिन्न स्थानों पर काम किया। वे एक अच्छे बांसुरी वादक होने के साथ साथ क्रिकेट, गायन, नृत्य, चित्रकला एवं अन्य खेलों में भी रूचि रखते हैं। हाल ही में उन्होंने आई.आई. एम.ए. से एक वर्ष का रेजीडेंशियल एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम पूरा किया। वे अहमदाबाद (गुजरात) मे अपनी पत्नी व बेटी के साथ रहते हैं।
राजीव की यात्रा छोटे-से गांव से शुरू होकर कस्बे, शहर से होती हुई महानगर तक के सांस्कृतिक और सामाजिक माहौल में रंगी हुई है। वह जीवन में उठाए गए अपने हर कदम से आगे तो बढ़ा पर असफलता ने उसे दो कदम पीछे भी धकेला। उसकी जिंदगी की उलझनों को सुलझाने के लिए कोई गणित काम नहीं आया। वास्तविकता के कैनवस पर जिंदगी और प्यार के बारे में लिखी गई ऐसी कहानी जो सबको अपनी जैसी लगती है और अलग भी। शायद इसलिए इस कहानी को दैट हार्डिल हैपन्स टू समवन का नाम दिया गया।
इस पुस्तक के लेखक राजेश सिंह ने भारतीय वायुसेना में चार वर्ष और भारतीय स्टेट बैंक मे आठ वर्षों तक भारत के विभिन्न स्थानों पर काम किया। वे एक अच्छे बांसुरी वादक होने के साथ साथ क्रिकेट, गायन, नृत्य, चित्रकला एवं अन्य खेलों में भी रूचि रखते हैं। हाल ही में उन्होंने आई.आई. एम.ए. से एक वर्ष का रेजीडेंशियल एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम पूरा किया। वे अहमदाबाद (गुजरात) मे अपनी पत्नी व बेटी के साथ रहते हैं।
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