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कहानी संग्रह >> बिन शीशों का चश्मा

बिन शीशों का चश्मा

रामकुमार आत्रेय

प्रकाशक : अंतिका प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2012
पृष्ठ :96
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 8673
आईएसबीएन :9789380044941

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राजकुमार आत्रेय का लघुकथा-संग्रह

Bin Shishon ka Chashma by Ramkumar Aatrey

राजकुमार आत्रेय का यह लघुकथा-संग्रह इस लिहाज से तो महत्वपूर्ण है ही कि हिंदी में इस विधा की पुस्तकों का अकाल पड़ रहा है, इस कारण से भी विशेष उल्लेखनीय बन पड़ा है कि हिंदी समाज की व्यापक समकालीन चिंताएँ यहाँ बहुत ही तीक्ष्ण और यथार्थपरक ढंग से सामने आई है। भारतीय व्यवस्था में व्याप्त सड़ांध, भ्रष्टाचार, उदारीकरण, किसी समस्या से लेकर जन-सरोकार और सामाजिक-पारिवारिक संबंधों के ताने-बाने यहाँ एकदम आवरणहीन रूप में देखने को मिलते हैं। पिछले एक-डेढ़ दशक से हिंदी पत्रकारिता और कहानी के क्षेत्र में जिन समस्याओं को लेकर हम अलग-अलग बातें करते हैं, उन सब पर बहुत ही तीक्ष्ण-बेधक और चुटीले ढंग से कही गई आत्रेय की छोटी-छोटी कथाओं की यह एक यादगार किताब है।

लोक और जीवन के विविध प्रसंगों में गहरी पैठ रखने वाले कथाकार की यह एक महत्वपूर्ण किताब है। इस किताब की कथाएँ साहित्यिक महत्त्व तो रखती ही है, एक नजरिया भी देती हैं। आत्रेय की इन कथाओं से हरियाणा के व्यापक समाज को समझने में भी मदद मिलती है।

गजब की पठनीयता लिये इन कथाओं की सबसे बड़ी विशेषता है, कम शब्दों में ज्यादा बातें। देखन में छोटन लगे घाव करे गंभीर।...


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