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			 अतिरिक्त >> अपनी जमीन अपनी जमीनशान्तिनाथ देसाई
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श्रेयांस को अपने बचपन के दिन याद हो आए। जब वह तीसरी में पढ़ता था, तब वह उसी कमरे में बैठकर छिपकर सिगरेट पीता था। उस समय वह बारह साल का था। तब सदा दोस्तों के साथ रहने का मन करता था। दूसरे महायुद्ध के बारे में चर्चा करने में, कांग्रेस के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में चर्चा करने में, लड़कियों के बारे में हँसी मजाक करने में, सब मिलकर छिपकर सिगरेट पीने में लड़कों को उन दिनों मजा आता था, तब श्रेयांस का जिगरी दोस्त वसंत गोविलकर था। वसंत के घर में उसे सम्पूर्ण स्वतंत्रता थी। क्योंकि उसके घर में केवल तीन लोग थे। वह, उसकी माँ राधाबाई और बहिन रेवती। उसके पिता को गुजरे चार-पाँच साल हो चुके थे। घर में काफी तंगी थी, परंतु उस घर में अप्पा साहेब पाटिल के बेटे श्रेयांस का बड़ा सम्मान था। उसे काफी स्वतंत्रता थी। कमरे में बैठकर वसंत और श्रेयांस पढ़ाई के साथ-साथ छिपकर सिगरेट पिया करते थे, गप्पें भी लगाते थे, यह उनके प्रतिदिन के कार्यक्रमों में एक था। घर में कोई बुजुर्ग आता दिखाई देता तो सात आठ साल की लड़की रेवती सीढ़ियों के पास जाकर उन्हें आगाह कर देती, ‘भैया घर में कोई आ रहा है।’
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