प्रवासी लेखक >> वतन से दूर वतन से दूरपूर्णिमा वर्मन
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वतन से दूर
अनजाना सफर
अश्विन गांधी
दोपहर का एक बजा था। दरवाज़े की घंटी बजी। मुस्कराता हुआ चार्ली खड़ा
था–दोनों हाथों में चार बियर की बोतलें थामें और एक वाइन की
बोतल
अपने सीने से टिकाए हुए।
‘‘वाह, ये तो सारा ट्रक साथ में ले आए हो चार्ली।’’
‘‘हैपी आवर के लिए हैपी सामान ज़रूरी है अमर।’’
अमर ने चार्ली को लंच की दावत दी थी। अमर खुद को लेखक कवि चितंक और दार्शनिक समझता है। ग्रीष्म के महीने में छुट्टी मनाता है, पर्यटन करता है, बाहर की दुनिया से मिलता-जुलता है और जब सोच कुछ गहन हो जाती है तो शब्दों में ढाल देता है। अमर अपनी छोटी-सी कॉटेज में अकेला रहता है। पहा़ड़ की घाटी में एक पार्क में कोई पचास कॉटेज थोड़े-थोड़े अंतर से बने हुए हैं।
चार्ली जवान आदमी है। उम्र तीस साल के अंदर। बीवी के साथ रहता है और उसकी कॉटेज अमर की कॉटेज से थोड़े ही कदम दूर है। चार्ली ने हाई स्कूल से आगे कोई पढ़ाई नहीं की। ट्रक चलाता है और किसी कंपनी का माल अलग-अलग जगह पहुँचाता है। यूनियन का मेम्बर है, सुखी देश में रहता है और अच्छी कमाई कर लेता है। अमर कोई चार साल पहले इस पार्क में रहने आया और तब से चार्ली को पहचानता है।
जम गई तो फिर वो बियर अच्छी दिखती है चार्ली। चलो बियर से शुरुआत बाकी रेफ्रिजरेटर में रख दीं।
‘‘चीअर्स!’’ बोतलें ऊँची उठीं और सैल्यूट हो गया। अमर ने पहला घूँट लिया। बियर का टेस्ट बहुत अच्छा लगा।
‘‘चार्ली ये बियर मुझे बहुत अच्छा लगा। शायद तुमने खुद बनाया है। इतना मृदु और मुलायम है कि गले से सटासट नीचे उतर गया। क्यों न सिर्फ बियर से ही खुशी मनाएँ आज?’’
‘‘ज़रूर...बियर इन वाइन आउट वाइन बोतल निकाल देता हूँ और कुछ और बियर बोतलें ले के आता हूँ।’’ चार्ली वाइन बोतल के साथ अपनी कॉटेज की ओर चल पड़ा और दो मिनट में चार और ठंडी बियर बोतलों के साथ लौट आया। लगता है आज हैपी आवर बड़ा लंबा होने वाला है!
‘‘लंच में क्या हो रहा है अमर?’’
‘‘तुम्हें मालूम तो है कि मेरे यहाँ सब वेजिटेरियन रहता है। कॉलेज के दिनों में बंबई के रास्तों के वेजी सेंडविच याद आ गए। आज वो ही होगा। टमाटर ककड़ी आलू हरी तीखी चटनी और ये सब ब्रेड के दो स्लाइसों के बीच में।’’
‘‘ये तो बड़ा जबरदस्त प्रोग्राम है अमर।’’
‘‘हाँ, अब देखो मैं क्या कर रहा हूँ। फिर तुम्हारी बारी आएगी।’’ अमर ने बियर का एक घूँट लिया और अपना सेंडविच बनाना शुरू किया। ब्रेड के दो बड़े स्लाइस लिए। मार्जरिन लगाया। हरी तीखी चटनी का मोटा स्तर ऊपर बनाया। बारी-बारी एक के ऊपर एक टमाटर ककड़ी और आलू के स्तर बनाए। हर स्तर पर सीज़न्ड सॉल्ट छिड़का। एक बड़ी छुरी से सेंडविच को चार बराबर हिस्सों में काटा।
‘‘ये तो बहुत अच्छा दिख रहा है।’’
‘‘वो मेरा सेंडविच था। अब तुम अपना बनाओ। चटनी लगाने में खयाल रखना।’’
‘‘क्यों! बहुत तीखी है क्या?’’
‘‘हाँ, तीखी तमतमा तम हैपी आवर को आग लगा दे सकती है। थोड़ी टेस्ट कर लो पहले। देख लो कितना लगाना है।’’
चार्ली ने थोड़ी सी चटनी मुँह मे रखी। चंद घड़ी के लिए कुछ हुआ नहीं, फिर जलन शुरू हुई।
‘‘तीखी तो ज़रूर है, मगर टेस्ट बढ़िया है। तुम्हारे जितनी तो नहीं मगर थोड़ी-सी तो लगानी ही होगी।’’
अमर ने कुछ चिकपीज़ भी गरम कर दिए। लंच तैयार हो गया। डाइनिंग टेबल पर बहुत सी किताबें पड़ी थीं। अमर ने कुछ किताबें इधर-उधर करके दो प्लेटों की जगह बना दी। हैपी आवर में अब कुछ गरमी आने वाली थी।
‘‘जब भी मैं तुम्हें देखता हूँ मुस्कराता हुआ चेहरा नज़र आता है। वजह क्या हो सकती है चार्ली? क्या पार्टी पे पार्टी चलती रहती है?’’
‘‘हाँ, पार्टी के चक्कर तो होते रहते हैं, अच्छा खाते हैं, अच्छा पीते हैं, ज़िंदगी बड़ी मज़ेदार है।’’
‘‘ज़िंदगी मज़ेदार होना तो काफी ज़रूरी है। तुम्हारी काया बिलकु कसरती दिख रही है। माना तुम जवान हो फिर भी बहुत सारी पार्टियाँ तो किसी को भी चौड़ा बना दे सकती हैं।
‘‘मैं सप्ताह में तीन दिन जिम्नेज़ियम जाता हूँ। जब बियर का मज़ा लो तो वर्कआउट करना ज़रूरी रहता है। कुछ स्पोर्टस भी हो जाते हैं। आजकल डर्टबाइकिंग चल रही है।’’
‘‘डर्टबाइकिंग? मोटरसाइकल डर्ट में?’’
‘‘हाँ, बाइक को पहाड़ियों में ले जाता हूँ। कभी जानी-पहचानी ट्रेइल पर बाइक चलती है, कभी-कभी नई ट्रेडल बन जाती है। अगर कुछ बीच में आ गया तो कुदान भी हो जाती है, बड़ा रोमाँचक सा बना रहता है।’’
सेंडविच सब खतम और प्लेटें बिलकुल साफ। चार्ली ने बियर की दो और बोतलें खोल दीं। अमर ने कुछ कोर्न चिप्स और साल्सा ला कर टेबल पर रख दिए। हैपी आवर जारी रहा।
‘‘फिर ये बताओ चार्ली, इन सब पार्टियों में क्या होता है? मतलब कि तुम सब जवाँ लोग वहाँ कैस खुशी मनाते हो?’’
‘‘सिर्फ जवाँ ही नहीं हर उम्र के लोग। डॉक्टर्स, लॉयर्स, प्रोफेशनल्स हर किसम के लोग देखे हैं मैंने। कुछ लोग पीते हैं, कुछ स्मोक करते हैं और कुछ दोनों साथ-साथ एक अनोखा माहौल रहता है।’’
‘‘ड्रग्स?’’
‘‘नहीं ज़्यादातर मरुआना...सिगरेट या पाइप में। कभी ट्राय किया है अमर?’’
‘‘शायद नहीं। कोई बीस साल पहले दो गहरे कश लिए थे, कुछ हुआ नहीं था।’’
दो कश वाली घटना अमर की आँखों के सामने छा गई।
फिलाडेल्फिआ सीटी ओ ब्रदरली लव। बीस साल पहले शहर में एक पार्टी किसी के घर आकर ले रही थी। अमर खास किसी पार्टी में जाता नहीं मगर आज कोई उपाय नहीं था। कम्प्यूटर कंपनी, जहाँ अमर काम करता था, घाटे में जा रही थी। जीवित रहने के लिए कंपनी को कुछ करना ज़रूरी था। भीतर का बहुत विरोध होने के बावजूद भी कंपनी ने एक नया प्रॉडक्ट बाज़ार में रखा था। सचेत और सावधान होते हुए भी अमर ने चांस लिया था। नए प्रॉडक्ट के मार्गदर्शन में अमर अग्रणी रहा। पुराने रेकार्ड टूट रहे थे, नए रेकार्ड बन रहे थे। नए प्रॉडक्ट की सफलता किसी की कल्पना से भी अधिक थी। कंपनी और कंपनी में काम करनेवालों की जान में जान आई थी। सफलता की खुशी मनाने का दिन था। कंपनी के सबसे सफल सेल्सपर्सन के घर पार्टी आयोजित हुई थी। अमर को हाज़िर होना ज़रूरी था। सबको मालूम था कि यह दिन अमर के बिना आया नहीं होता। इस दिन की हस्ती अमर की सख्त मेहनत, नेत़ृत्व और दूरदर्शिता पर कुर्बान थी। अमर पार्टी का सितारा था और सब अमर को बधाई दे रहे थे।
महल जैसा बड़ा आलीशान मकान था। बार खुला था। बार-टेन्डर अपनी ड्रिंक्स बनाने की कला दिखा रहा था। पूरा मकान आज की खुशी के लिए खुला था। हर प्रकार के खाने की चीज़ हर जगह दिखाई रही थी। बैंड बज रहा था। कुछ जोड़ियाँ डांस फ्लोर पर अपना कमाल दिखा रही थीं। हॉट टब भर गया था, स्वीमिंग पूल में नेट लगी थी और बॉल का कोई खेल चल रहा था। हरी घास के लॉन पर कपड़े और जूते इधर-उधर पड़े थे। पानी में कूदने की दौड़ में लोगों ने अपने वस्त्र जल्दी से उतार कर बिखेर दिए थे। हवा में धुआँ था। सफेद धुएँ के बादल तैर रहे थे और आँखा को जलन देते हुए कुछ अजीब-सी महक फैला रहे थे। हर जगह ड्रिंक्स के गिलास पड़े थे। वक्त गुज़र रहा था, नशा बढ़ रहा था और नज़दीकी गिलास नज़दीकी मुँह की ओर बढ़ रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे सबको काम की दुनिया को भूल जाना था। किसी को आने वाली सुबह की ना फिक्र थी, ना इंतज़ार।
‘‘थोड़ा घूमने चलोगे साथ अमर?’’
‘‘ज़रूर, कहाँ चलेंगे जेनेट?’’
‘‘मकान के दूसरी ओर लॉन को पार कर के पार्किंग लॉट की तरफ।’’
अमर सबको पहचानता था। नए प्रॉडक्ट की सफलता में जेनेट का हिस्सा काफी था। दोनों ने हाथों में हाथ डाले पार्किंग लॉट की ओर चलना शुरू किया। जैसे कुछ इशारा मिल गया हो, एक दूसरे युगल ने भी कुछ कदम पीछे चलना शुरू किया। धीमी गति से लॉन पार करके चारों एक कार के नज़दीक आकर ठहरे।
‘‘ज़बरदस्त स्पोर्ट्स कार है तुम्हारी जेनेट?’’
‘‘हाँ...और अंदर से भी बहुत अच्छी है, देखोगे?’’
जेनेट ने रिमोट कंट्रोल से कार अनलॉक कर दी। दूसरा युगल पीछे की सीट पर बैठ गया जेनेट और अमर आगे। लेदर सीट हर प्रकार की सुविधा कार के अंदर, अमर प्रभावित हो गया। जेनेट ने कुछ बटन दबा दिए और सुरीला संगीत शुरू हो गया। अमर की ओर झुक कर ग्लँव कंपार्टमेन्ट खोला और एक चमकता हुआ सिगरेट केस निकाला। एक सिगरेट अपने मुँह में रखी। अमर ने अपने लाइटर से जेनेट की सिगरेट जला दी।
‘‘एक कश लोगे अमर?’’ गहरा कश ले कर जेनेट ने अपनी सिगरेट अमर की ओर बढ़ाई।
‘‘मैं सिर्फ एक ही ब्रांड की सिगरेट पीता हूँ। जब भी ब्रांड बदली है, सरदर्द को दावत दी है। मगर तुम्हारी सिगरेट कुछ अलग-सी दिखती है। क्या कोई स्पेशियल चीज़ है?’’ अमर ने जेनेट की सिगरेट अपने हाथ में ली।
‘‘अगर ठीक से गहरा कश लिया तो दूसरी दुनिया में पहुँच जाओगे। ऐसी दुनिया जहाँ सिर्फ आराम ही आराम होगा...जमीं के हर दर्द भूल जाओगे।’’
‘‘सच? सिगरेट तो कुछ सालों में पीता आया हूँ...गहरा कश कैसे लेना तो मुझे ठीक से मालूम होना चाहिए।’’ अमर ने स्पेशियल सिगरेट अपने मुँह में रखी।
‘‘ज़ोर से कश लो, जहाँ तक हो सके वहाँ तक अपने अंदर रखो और फिर धीरे से छोड़ दो।’’
अमर ने गुरु के बोल सुने। सिगरेट बुझ गई थी। फिर से जला दी। ज़ोर से कश खींचा, दर्द होते हुए भी लंबे समय धुआँ अंदर रखा और फिर धीरे से हवा में छो़ड़ दिया। अमर ने देखा तो जेनेट कहीं दूर-दूर देख रही थी और पीछे का युगल अपने निजी कार्यक्रम में मस्त था।
‘‘ये दूसरी दुनिया का सफर कब शुरू होता है?’’ अमर को कुछ असर नहीं हुआ था, पाँव ज़मीं पर थे और पंख खुले नहीं थे।
जेनेट ने सिगरेट अपने हाथ में ली, फिर से जलाई, कश खींचा और अमर को वापस दी।
‘‘एक बार और ट्राय करो। क्या मालूम दूसरा कश आप के लिए जादू जगा दे।’’
‘‘वाह, ये तो सारा ट्रक साथ में ले आए हो चार्ली।’’
‘‘हैपी आवर के लिए हैपी सामान ज़रूरी है अमर।’’
अमर ने चार्ली को लंच की दावत दी थी। अमर खुद को लेखक कवि चितंक और दार्शनिक समझता है। ग्रीष्म के महीने में छुट्टी मनाता है, पर्यटन करता है, बाहर की दुनिया से मिलता-जुलता है और जब सोच कुछ गहन हो जाती है तो शब्दों में ढाल देता है। अमर अपनी छोटी-सी कॉटेज में अकेला रहता है। पहा़ड़ की घाटी में एक पार्क में कोई पचास कॉटेज थोड़े-थोड़े अंतर से बने हुए हैं।
चार्ली जवान आदमी है। उम्र तीस साल के अंदर। बीवी के साथ रहता है और उसकी कॉटेज अमर की कॉटेज से थोड़े ही कदम दूर है। चार्ली ने हाई स्कूल से आगे कोई पढ़ाई नहीं की। ट्रक चलाता है और किसी कंपनी का माल अलग-अलग जगह पहुँचाता है। यूनियन का मेम्बर है, सुखी देश में रहता है और अच्छी कमाई कर लेता है। अमर कोई चार साल पहले इस पार्क में रहने आया और तब से चार्ली को पहचानता है।
जम गई तो फिर वो बियर अच्छी दिखती है चार्ली। चलो बियर से शुरुआत बाकी रेफ्रिजरेटर में रख दीं।
‘‘चीअर्स!’’ बोतलें ऊँची उठीं और सैल्यूट हो गया। अमर ने पहला घूँट लिया। बियर का टेस्ट बहुत अच्छा लगा।
‘‘चार्ली ये बियर मुझे बहुत अच्छा लगा। शायद तुमने खुद बनाया है। इतना मृदु और मुलायम है कि गले से सटासट नीचे उतर गया। क्यों न सिर्फ बियर से ही खुशी मनाएँ आज?’’
‘‘ज़रूर...बियर इन वाइन आउट वाइन बोतल निकाल देता हूँ और कुछ और बियर बोतलें ले के आता हूँ।’’ चार्ली वाइन बोतल के साथ अपनी कॉटेज की ओर चल पड़ा और दो मिनट में चार और ठंडी बियर बोतलों के साथ लौट आया। लगता है आज हैपी आवर बड़ा लंबा होने वाला है!
‘‘लंच में क्या हो रहा है अमर?’’
‘‘तुम्हें मालूम तो है कि मेरे यहाँ सब वेजिटेरियन रहता है। कॉलेज के दिनों में बंबई के रास्तों के वेजी सेंडविच याद आ गए। आज वो ही होगा। टमाटर ककड़ी आलू हरी तीखी चटनी और ये सब ब्रेड के दो स्लाइसों के बीच में।’’
‘‘ये तो बड़ा जबरदस्त प्रोग्राम है अमर।’’
‘‘हाँ, अब देखो मैं क्या कर रहा हूँ। फिर तुम्हारी बारी आएगी।’’ अमर ने बियर का एक घूँट लिया और अपना सेंडविच बनाना शुरू किया। ब्रेड के दो बड़े स्लाइस लिए। मार्जरिन लगाया। हरी तीखी चटनी का मोटा स्तर ऊपर बनाया। बारी-बारी एक के ऊपर एक टमाटर ककड़ी और आलू के स्तर बनाए। हर स्तर पर सीज़न्ड सॉल्ट छिड़का। एक बड़ी छुरी से सेंडविच को चार बराबर हिस्सों में काटा।
‘‘ये तो बहुत अच्छा दिख रहा है।’’
‘‘वो मेरा सेंडविच था। अब तुम अपना बनाओ। चटनी लगाने में खयाल रखना।’’
‘‘क्यों! बहुत तीखी है क्या?’’
‘‘हाँ, तीखी तमतमा तम हैपी आवर को आग लगा दे सकती है। थोड़ी टेस्ट कर लो पहले। देख लो कितना लगाना है।’’
चार्ली ने थोड़ी सी चटनी मुँह मे रखी। चंद घड़ी के लिए कुछ हुआ नहीं, फिर जलन शुरू हुई।
‘‘तीखी तो ज़रूर है, मगर टेस्ट बढ़िया है। तुम्हारे जितनी तो नहीं मगर थोड़ी-सी तो लगानी ही होगी।’’
अमर ने कुछ चिकपीज़ भी गरम कर दिए। लंच तैयार हो गया। डाइनिंग टेबल पर बहुत सी किताबें पड़ी थीं। अमर ने कुछ किताबें इधर-उधर करके दो प्लेटों की जगह बना दी। हैपी आवर में अब कुछ गरमी आने वाली थी।
‘‘जब भी मैं तुम्हें देखता हूँ मुस्कराता हुआ चेहरा नज़र आता है। वजह क्या हो सकती है चार्ली? क्या पार्टी पे पार्टी चलती रहती है?’’
‘‘हाँ, पार्टी के चक्कर तो होते रहते हैं, अच्छा खाते हैं, अच्छा पीते हैं, ज़िंदगी बड़ी मज़ेदार है।’’
‘‘ज़िंदगी मज़ेदार होना तो काफी ज़रूरी है। तुम्हारी काया बिलकु कसरती दिख रही है। माना तुम जवान हो फिर भी बहुत सारी पार्टियाँ तो किसी को भी चौड़ा बना दे सकती हैं।
‘‘मैं सप्ताह में तीन दिन जिम्नेज़ियम जाता हूँ। जब बियर का मज़ा लो तो वर्कआउट करना ज़रूरी रहता है। कुछ स्पोर्टस भी हो जाते हैं। आजकल डर्टबाइकिंग चल रही है।’’
‘‘डर्टबाइकिंग? मोटरसाइकल डर्ट में?’’
‘‘हाँ, बाइक को पहाड़ियों में ले जाता हूँ। कभी जानी-पहचानी ट्रेइल पर बाइक चलती है, कभी-कभी नई ट्रेडल बन जाती है। अगर कुछ बीच में आ गया तो कुदान भी हो जाती है, बड़ा रोमाँचक सा बना रहता है।’’
सेंडविच सब खतम और प्लेटें बिलकुल साफ। चार्ली ने बियर की दो और बोतलें खोल दीं। अमर ने कुछ कोर्न चिप्स और साल्सा ला कर टेबल पर रख दिए। हैपी आवर जारी रहा।
‘‘फिर ये बताओ चार्ली, इन सब पार्टियों में क्या होता है? मतलब कि तुम सब जवाँ लोग वहाँ कैस खुशी मनाते हो?’’
‘‘सिर्फ जवाँ ही नहीं हर उम्र के लोग। डॉक्टर्स, लॉयर्स, प्रोफेशनल्स हर किसम के लोग देखे हैं मैंने। कुछ लोग पीते हैं, कुछ स्मोक करते हैं और कुछ दोनों साथ-साथ एक अनोखा माहौल रहता है।’’
‘‘ड्रग्स?’’
‘‘नहीं ज़्यादातर मरुआना...सिगरेट या पाइप में। कभी ट्राय किया है अमर?’’
‘‘शायद नहीं। कोई बीस साल पहले दो गहरे कश लिए थे, कुछ हुआ नहीं था।’’
दो कश वाली घटना अमर की आँखों के सामने छा गई।
फिलाडेल्फिआ सीटी ओ ब्रदरली लव। बीस साल पहले शहर में एक पार्टी किसी के घर आकर ले रही थी। अमर खास किसी पार्टी में जाता नहीं मगर आज कोई उपाय नहीं था। कम्प्यूटर कंपनी, जहाँ अमर काम करता था, घाटे में जा रही थी। जीवित रहने के लिए कंपनी को कुछ करना ज़रूरी था। भीतर का बहुत विरोध होने के बावजूद भी कंपनी ने एक नया प्रॉडक्ट बाज़ार में रखा था। सचेत और सावधान होते हुए भी अमर ने चांस लिया था। नए प्रॉडक्ट के मार्गदर्शन में अमर अग्रणी रहा। पुराने रेकार्ड टूट रहे थे, नए रेकार्ड बन रहे थे। नए प्रॉडक्ट की सफलता किसी की कल्पना से भी अधिक थी। कंपनी और कंपनी में काम करनेवालों की जान में जान आई थी। सफलता की खुशी मनाने का दिन था। कंपनी के सबसे सफल सेल्सपर्सन के घर पार्टी आयोजित हुई थी। अमर को हाज़िर होना ज़रूरी था। सबको मालूम था कि यह दिन अमर के बिना आया नहीं होता। इस दिन की हस्ती अमर की सख्त मेहनत, नेत़ृत्व और दूरदर्शिता पर कुर्बान थी। अमर पार्टी का सितारा था और सब अमर को बधाई दे रहे थे।
महल जैसा बड़ा आलीशान मकान था। बार खुला था। बार-टेन्डर अपनी ड्रिंक्स बनाने की कला दिखा रहा था। पूरा मकान आज की खुशी के लिए खुला था। हर प्रकार के खाने की चीज़ हर जगह दिखाई रही थी। बैंड बज रहा था। कुछ जोड़ियाँ डांस फ्लोर पर अपना कमाल दिखा रही थीं। हॉट टब भर गया था, स्वीमिंग पूल में नेट लगी थी और बॉल का कोई खेल चल रहा था। हरी घास के लॉन पर कपड़े और जूते इधर-उधर पड़े थे। पानी में कूदने की दौड़ में लोगों ने अपने वस्त्र जल्दी से उतार कर बिखेर दिए थे। हवा में धुआँ था। सफेद धुएँ के बादल तैर रहे थे और आँखा को जलन देते हुए कुछ अजीब-सी महक फैला रहे थे। हर जगह ड्रिंक्स के गिलास पड़े थे। वक्त गुज़र रहा था, नशा बढ़ रहा था और नज़दीकी गिलास नज़दीकी मुँह की ओर बढ़ रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे सबको काम की दुनिया को भूल जाना था। किसी को आने वाली सुबह की ना फिक्र थी, ना इंतज़ार।
‘‘थोड़ा घूमने चलोगे साथ अमर?’’
‘‘ज़रूर, कहाँ चलेंगे जेनेट?’’
‘‘मकान के दूसरी ओर लॉन को पार कर के पार्किंग लॉट की तरफ।’’
अमर सबको पहचानता था। नए प्रॉडक्ट की सफलता में जेनेट का हिस्सा काफी था। दोनों ने हाथों में हाथ डाले पार्किंग लॉट की ओर चलना शुरू किया। जैसे कुछ इशारा मिल गया हो, एक दूसरे युगल ने भी कुछ कदम पीछे चलना शुरू किया। धीमी गति से लॉन पार करके चारों एक कार के नज़दीक आकर ठहरे।
‘‘ज़बरदस्त स्पोर्ट्स कार है तुम्हारी जेनेट?’’
‘‘हाँ...और अंदर से भी बहुत अच्छी है, देखोगे?’’
जेनेट ने रिमोट कंट्रोल से कार अनलॉक कर दी। दूसरा युगल पीछे की सीट पर बैठ गया जेनेट और अमर आगे। लेदर सीट हर प्रकार की सुविधा कार के अंदर, अमर प्रभावित हो गया। जेनेट ने कुछ बटन दबा दिए और सुरीला संगीत शुरू हो गया। अमर की ओर झुक कर ग्लँव कंपार्टमेन्ट खोला और एक चमकता हुआ सिगरेट केस निकाला। एक सिगरेट अपने मुँह में रखी। अमर ने अपने लाइटर से जेनेट की सिगरेट जला दी।
‘‘एक कश लोगे अमर?’’ गहरा कश ले कर जेनेट ने अपनी सिगरेट अमर की ओर बढ़ाई।
‘‘मैं सिर्फ एक ही ब्रांड की सिगरेट पीता हूँ। जब भी ब्रांड बदली है, सरदर्द को दावत दी है। मगर तुम्हारी सिगरेट कुछ अलग-सी दिखती है। क्या कोई स्पेशियल चीज़ है?’’ अमर ने जेनेट की सिगरेट अपने हाथ में ली।
‘‘अगर ठीक से गहरा कश लिया तो दूसरी दुनिया में पहुँच जाओगे। ऐसी दुनिया जहाँ सिर्फ आराम ही आराम होगा...जमीं के हर दर्द भूल जाओगे।’’
‘‘सच? सिगरेट तो कुछ सालों में पीता आया हूँ...गहरा कश कैसे लेना तो मुझे ठीक से मालूम होना चाहिए।’’ अमर ने स्पेशियल सिगरेट अपने मुँह में रखी।
‘‘ज़ोर से कश लो, जहाँ तक हो सके वहाँ तक अपने अंदर रखो और फिर धीरे से छोड़ दो।’’
अमर ने गुरु के बोल सुने। सिगरेट बुझ गई थी। फिर से जला दी। ज़ोर से कश खींचा, दर्द होते हुए भी लंबे समय धुआँ अंदर रखा और फिर धीरे से हवा में छो़ड़ दिया। अमर ने देखा तो जेनेट कहीं दूर-दूर देख रही थी और पीछे का युगल अपने निजी कार्यक्रम में मस्त था।
‘‘ये दूसरी दुनिया का सफर कब शुरू होता है?’’ अमर को कुछ असर नहीं हुआ था, पाँव ज़मीं पर थे और पंख खुले नहीं थे।
जेनेट ने सिगरेट अपने हाथ में ली, फिर से जलाई, कश खींचा और अमर को वापस दी।
‘‘एक बार और ट्राय करो। क्या मालूम दूसरा कश आप के लिए जादू जगा दे।’’
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