पारिवारिक >> झरोखे झरोखेभीष्म साहनी
|
4 पाठकों को प्रिय 191 पाठक हैं |
‘झरोखे’ एक छोटे-से परिवार की व्यथा-कथा को प्रस्तुत करनेवाला मार्मिक उपन्यास है...
‘झरोखे’ एक छोटे-से परिवार की व्यथा-कथा को
प्रस्तुत करने वाला मार्मिक उपन्यास है। लेखक ने एक छोटे-से बालक की आँखों
से उस परिवार में घटने वाली छोटी-छोटी घटनाओं को देखने और उनका उल्लेख करने
की कोशिश की है। एक-एक घटना एक-एक प्रबल संस्कार बनकर आती है और परिवार के बच्चों के भावी चरित्र की रूपरेखा गढ़ती चली जाती है। पारिवारिक जीवन में
घटनेवाली घटनाएँ आम तौर पर अल्प और साधारण ही होती है, पर संस्कारों के
रूप से उनका महत्त्व प्रचंड होता है। इन्हीं अल्प और साधारण लगनेवाली
घटनाओं के नीचे जिंदगी करवट लेती रहती है। यही छोटी-छोटी घटनाएँ पात्रों
के जीवन में निर्णायक साबित होती हैं और उनकी जिंदगी का रुख बदल देती हैं।
एक छत के नीचे रहते हुए भी सभी की राहें अलग-अलग हैं। इसकी कथावस्तु में
जहाँ एक ओर जीवन के उल्लसित क्षणों का चित्रण है, वहीं उसके दुख-दर्द और
उसकी निर्मम गति का भी अविस्मरणीय रेखांकन हुआ है।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book