धर्म एवं दर्शन >> हिमालय के सन्तों के साथ निवास हिमालय के सन्तों के साथ निवासस्वामी राम
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हिमालय के सन्तों के साथ निवास
श्री स्वामी राम की आध्यात्मिक जीवन-गाथा ‘‘हिमालय के सन्तों के संग निवास’’ मेरे जीवन का दर्पण है। इस ग्रन्थ में आप देखेंगे कि मैं कैसे बड़ा हुआ, मुझे शिक्षा कैसे मिली, मेरे गुरुदेव श्री बंगाली बाबा ने मेरे आध्यात्मिक जीवन को कैसे सँवारा और सुधारा, हिमालय की गुफाओं में कैसे रहा, तथा हिमालय के दिव्य सन्त जैसे अघोरी बाबा, सोमवारी बाबा और गुदड़ी बाबा की कृपा और आशीर्वाद से मेरी योग-साधना कैसे सिद्ध हुई। मुझे विश्वास है कि इस ग्रन्थ के अध्ययन के द्वारा आपका हृदय इन रहस्यमय सन्तों के ज्ञान और प्रेम से प्रकाशित होगा।
20वीं शताब्दी के दिव्य सन्त श्री स्वामी राम हिमालयन इंस्टीट्यूट के संस्थापक है। इनका जन्म हिमालय के गढ़वाल क्षेत्र में हुआ। भारत और विदेशों में शिक्षा-दीक्षा के साथ ही हिमालय की गुफाओं में घोर तपस्या करना, अल्पायु में ही शंकराचार्य के पद पर आसीन होना, पच्चीसों ग्रन्थों को लिखना, विश्व के कोने-कोने में ऋषियों-मुनियों के ज्ञान को पहुँचाना पूज्य स्वामी जी के अलौकिक व्यक्तित्व का प्रमाण है। ‘‘हिमालय के सन्तों के संग निवास’’ द्वारा श्री स्वामी जी आज भी साधकों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
20वीं शताब्दी के दिव्य सन्त श्री स्वामी राम हिमालयन इंस्टीट्यूट के संस्थापक है। इनका जन्म हिमालय के गढ़वाल क्षेत्र में हुआ। भारत और विदेशों में शिक्षा-दीक्षा के साथ ही हिमालय की गुफाओं में घोर तपस्या करना, अल्पायु में ही शंकराचार्य के पद पर आसीन होना, पच्चीसों ग्रन्थों को लिखना, विश्व के कोने-कोने में ऋषियों-मुनियों के ज्ञान को पहुँचाना पूज्य स्वामी जी के अलौकिक व्यक्तित्व का प्रमाण है। ‘‘हिमालय के सन्तों के संग निवास’’ द्वारा श्री स्वामी जी आज भी साधकों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
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